एक व्यक्ति कहता है मै मेरे विचार जैसे उसके अनुसार व्यवहार करूंगा मुझे दृष्टि अपने ऊपर रखनी चाहिए। दुसरो से आप किस प्रकार का व्यवहार करते हैं, कैसी भाषा-शैली का प्रयोग उनके साथ करते हैं। कितने प्रेमभाव तथा सौम्यता सभ्यता से आप दूसरों से वार्तालाप करते हैं…यह सर्वप्रथम आप पर ही निर्भर है, आप ही के नियंत्रण में है। किन्तु दूसरे व्यक्ति भी आपसे आप ही के समान व्यवहार करें या जैसा आप चाहते हैं वैसा वार्तालाप अथवा प्रेमभाव व्यक्त करें तो ऐसा कदाचित बिल्कुल संभव नहीं है, यह आपके नियंत्रण में भी नहीं है। कहने का तात्पर्य यही है कि जो कुछ भी, जैसा भी आप इस संसार को दे रहे हैं,देने का विचार अपने अन्दर दृढ रखे कोई आपको दे चाहे न दे। मै यदि सामने वाले के अनुसार व्यवहार करता हूँ। तब मै बना हुआ नहीं हूं। मैं बना हुआ हूं इसलिए मेरे अपने विचार हैं। वही आपको समान रूप में वापस भी मिले ऐसा संभव ही नहीं है..!! कारण..वही प्राकृतिक भिन्नता..!! आपके हृदय जैसा सबका हृदय हो, आपकी विचारधारा, दृष्टिकोण सबकी हो, जब यह संभव ही नहीं तो दुःख कैसा.. क्यों स्वयं को आहत करना..?? जो जैसा है वही देगा, वही अभिव्यक्त करेगा..!जय श्रीराम
A person says that I will behave according to my thoughts, I should keep my eyes on myself. How do you deal with others, what language style do you use with them. How much love and gentleness, with civility, do you communicate with others… It is first of all dependent on you, it is under your control. But if the other person also treats you like you or expresses the kind of conversation or love you want, then it is probably not possible at all, it is not even under your control. The meaning of saying this is that whatever you are giving to this world, whatever you are giving to this world, keep firm in yourself that no one wants to give it to you. If I behave according to the front. Then I am not made. I am made up so I have my own thoughts. It is not possible to get the same back to you in the same form..!! Reason.. Same natural difference..!! Everyone’s heart should be like your heart, your ideology, attitude should be everyone’s, when it is not possible then how is the sorrow.. why hurt yourself..?? He will give whatever he is, he will express..! Jai Shri Ram