एक साधु का न्यूयार्क में एक बड़े पत्रकार इंटरव्यू ले रहे थे!
पत्रकार-
सर, आपने अपने लास्ट लेक्चर में
संपर्क (Contact) और
जुड़ाव (Connection)
पर स्पीच दिया, लेकिन यह बहुत कन्फ्यूज करने वाला था। क्या आप इनका अंतर समझा सकते हैं ?
साधु मुस्कराये और उन्होंने कुछ अलग…
पत्रकारों से ही पूछना शुरू कर दिया।
“आप न्यूयॉर्क से हैं?”
पत्रकार: “Yeah…”
संन्यासी: “आपके घर मे कौन-कौन हैं?”
पत्रकार को लगा कि.. साधु उनका सवाल टालने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि
उनका सवाल बहुत व्यक्तिगत और
उसके सवाल के जवाब से अलग था।
फिर भी पत्रकार बोला : मेरी “माँ अब नही हैं, पिता हैं तथा 3 भाई और एक बहन हैं ! सब शादीशुदा हैं। “
साधू ने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए पूछा:
“आप अपने पिता से बात करते हैं?”
पत्रकार चेहरे से गुस्सा झलकने लगा…
साधू ने पूछा, “आपने अपने फादर से
last कब बात की थीं ?”
पत्रकार ने अपना गुस्सा दबाते हुए जवाब दिया : “शायद एक महीने पहले।”
साधू ने पूछा: “क्या आप भाई-बहन अक़्सर मिलते हैं? आप सब आखिर में कब मिले एक परिवार की तरह ?”
इस सवाल पर पत्रकार के माथे पर पसीना आ गया कि , इंटरव्यू मैं ले रहा हूँ या ये साधु ?
ऐसा लगा साधु, पत्रकार का इंटरव्यू ले रहा है?
एक आह के साथ पत्रकार बोला : “क्रिसमस पर 2 साल पहले”.
साधू ने पूछा: “कितने दिन आप सब
साथ में रहे ?”
पत्रकार अपनी आँखों से निकले
आँसुओं को पोंछते हुये बोला : “3 दिन…!”
साधु: “कितना वक्त आप भाई-बहनों ने अपने पिता के बिल्कुल करीब बैठ कर गुजारा ?
पत्रकार हैरान और शर्मिंदा दिखा और
एक कागज़ पर कुछ लिखने लगा…।
साधु ने पूछा: ” क्या आपने पिता के साथ नाश्ता , लंच या डिनर लिया ?
क्या आपने अपने पिता से पूछा के वो कैसे हैं ? माता की मृत्यु के बाद उनका वक्त कैसे गुज़र रहा है…!
साधु ने पत्रकार का हाथ पकड़ा और कहा: ” शर्मिंदा, या दुःखी मत होना।
मुझे खेद है अगर मैंने आपको
अनजाने में चोट पहुँचाई हो,
लेकिन ये ही आपके सवाल का जवाब है । “संपर्क और जुड़ाव”
(Contact and Connection)
आप अपने पिता के सिर्फ संपर्क
(Contact) में हैं
पर आपका उनसे कोई ‘Connection’ (जुड़ाव ) नही हैं।
You are not connected to him.
आप अपने father से संपर्क में हैं, जुड़े नही हैं
Connection हमेशा आत्मा से
आत्मा का होता है। heart से heart होता है। एक साथ बैठना, भोजन साझा करना और एक दूसरे की देखभाल करना, स्पर्श करना,
हाथ मिलाना, आँखों का संपर्क होना,
कुछ समय एक साथ बिताना
आप अपने पिता, भाई और बहनों के
संपर्क (‘Contact’) में हैं, लेकिन
आपका आपस में कोई’ जुड़ाव ‘(Connection) नहीं हैं”.
पत्रकार ने आँखें पोंछी और
बोला: “मुझे एक अच्छा और अविस्मरणीय सबक सिखाने के लिए धन्यवाद”।
आज यह भारत की भी सच्चाई हो चली है। सबके हज़ारों संपर्क (contacts) हैं पर कोई जुड़ाव connection नहीं है।
कोई विचार-विमर्श नहीं है।
हर आदमी अपनी-अपनी नकली दुनियाँ में खोया हुआ है।
वो साधु और कोई नहीं
” स्वामी विवेकानंद” थे।”
A big journalist was interviewing a monk in New York!
journalist- Sir in your last lecture Contact and Connection But gave a speech, but it was very confusing. Can you explain the difference between them?
The monk smiled and he did something different… Started asking reporters.
“You’re from New York?”
Journalist: “Yeah…”
Saint: “Who are there in your house?”
The journalist felt that.. the sadhu was trying to avoid his question, because His question is very personal and The answer to his question was different.
Still the journalist said: “My mother is no more, father is there and there are 3 brothers and a sister! All are married.”
The monk asked with a smile on his face: “You talk to your father?”
Anger started showing from the face of the journalist.
The monk asked, “Have you asked your father? When did you last talk?”
Pressing his anger, the journalist replied: “Maybe a month ago.”
The monk asked: “Do you see brothers and sisters often? When did you all finally meet as a family?”
On this question, the journalist’s forehead sweated that, am I taking the interview or this monk? It felt like the monk is interviewing the journalist?
The journalist said with a sigh: “2 years ago at Christmas”.
The monk asked: “How many days do you all stay together?”
Journalists out of their eyes Wiping away his tears, he said: “3 days…!”
Sadhu: “How much time did you brothers and sisters spend sitting very close to your father?
The journalist looked shocked and embarrassed and Started writing something on a paper.
The monk asked: “Did you have breakfast, lunch or dinner with your father? Have you asked your father how he is? How is his time passing after the death of his mother…! The monk held the journalist’s hand and said: “Don’t be ashamed, or sad. i’m sorry if i told you inadvertently hurt, But this is the answer to your question. “Contact and Connectivity” (Contact and Connection)
You are the only contact of your father are in (contact) But you have no ‘connection’ with them. You are not connected to him. You are in touch with your father, not connected
Connection always with spirit belongs to the soul. Heart to heart. sitting together, sharing food and caring for each other, touching, handshake, eye contact, spend some time together to your father, brother and sisters are in contact(‘Contact’), but You do not have any ‘connection’.
The journalist wiped his eyes and Said: “Thank you for teaching me a good and unforgettable lesson”.
Today this has become the reality of India as well. Everyone has thousands of contacts but there is no connection connection. There is no discussion. Every man is lost in his own fake world.
that monk and no one else It was “Swami Vivekananda”.