हमे एक बात सदैव स्मरण रखनी चाहिए ,अनेकोदुखो,अभावों, कष्टों के बाद भी जीवन यापन करते हुए सृष्टि को बनाने वाले ईश्वर को कभी नहीं भूलना चाहिए। जो भी कुछ हमारे पास है,या हमें प्राप्त है सब उस ही की किरपा से मिलता है।जैसे हम पदार्थो का उपभोग अपने जीवन को सरल बनाने के लिए करते है,वैसे ही हमें अपना अध्यात्म सुधारने के लिए परम पिता का ही हर पल शुक्राना करते रहना चाहिए।जो सुख अभी है,पल भर बाद नही रहेगा, क्योंकि जो जब तक हमारे लिए है,तब तक ही हम उसके स्वामी है।अन्यथा वह सुख हमारे पास से चला जायेगा।
संसार को भोगदृष्टि से नहीं,किन्तु भगवद्दृष्टि से मनुष्य यदि देखे तो वह सुखी होगा। स्वयं को ही सुधारे। स्वयं नहीं सुधर सकते -तो-सारे संसार को कैसे सुधार सकेंगें ?पढ़िए । एक बार अकबर की पुत्री के पाँव में काँटा चुभ गया,तो अकबर ने बीरबल को बुलाकर आज्ञा दी कि मेरे राज्य की सारी भूमि को चमड़े से आच्छादित करा दो,
कि जिससे भविष्य में फिर कभी शहजादी को कांटा न चुभे। बीरबल सिर खुजालने लगा कि इतना बड़ा चमड़ा कहाँ से लाया जाये जो सारे राज्य को आच्छादित कर दे।
बीरबल ने सोचा कि सारी भूमि को चमड़े से ढकने के बजाय शहजादी के पाँव को ही,
क्यों न चमड़े से ढक दिया जाए? और बीरबल ने जुते बनवाकर शहजादी को पहना दिए। जगत में कांटे है और रहेंगे,पर जिसके पाँव में जूते है,उसे काँटे नहीं चुभेंगे। विवेकपूर्वक मर्यादा में रहकर मनुष्य सुख का उपभोग करे, तो सुखी हो सकता है। परन्तु मनुष्य उसका विवेकपूर्वक लाभ नहीं लेता और दुःखी होता है। जय जय श्री राधे कृष्णा जी।श्री हरि आपका कल्याण करें।
We should always remember one thing, we should never forget the God who created the universe while living even after many sorrows, shortages, sufferings. Whatever we have, or get, we all get it from the grace of Him. Just like we consume substances to make our life easy, in the same way we should thank the Supreme Father every moment to improve our spirituality. We should keep doing it. The happiness that is now will not last a moment, because as long as it is there for us, we are the masters of it. Otherwise that happiness will go away from us. Seeing the world not with pleasure, but with God’s vision, a person will be happy. Improve yourself. If you cannot improve yourself – then how can you improve the whole world? Once a thorn pricked the feet of Akbar’s daughter, Akbar called Birbal and ordered that all the land of my kingdom should be covered with leather, So that in future never again prick the thorn in the princess. Birbal started scratching his head as to where to get such a large leather that would cover the whole kingdom. Birbal thought that instead of covering the whole land with leather, only the feet of the princess, Why not cover it with leather? And Birbal got the shoes made and put them on the princess. There are and will be thorns in the world, but thorns will not prick the one who has shoes in his feet. If a person enjoys happiness by staying in moderation judiciously, then he can be happy. But man does not take advantage of it judiciously and becomes unhappy. Jai Jai Shri Radhe Krishna ji. May Shri Hari bless you.