आज का भगवद चिंतन।
भगवान श्री कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि इस भौतिक संसार के प्रत्येक पदार्थ में मैं हूँ चाँद, तारे,समस्त ग्रह,समस्त नदियों,समस्त सागरों,समस्त पहाड़ों और अनन्य,अनन्य जीवों में मेरा वास है।सभी भक्त यह जानते और मानते हैं, फिर भी वह सम्पूर्णता से मुझ में समर्पित नही होते।भक्त पूर्ण श्रद्धा से मुझे समर्पित हो तो फिर उसके दिल की हर धड़कन पर उसे मेरे नाम की ध्वनि सुनायी देगी,उसके कानों मे श्री हरि के नाम का संगीत गूंजता रहेगा।जिस प्रकार माँ अपने बच्चे को स्नेहवश अनेको नाम से पुकारती है हम भी स्नेहवश श्री हरि को अनेको नाम से पुकारते हैं।जब हम स्नेह वश श्री हरि को पुकारते हैं तो परमात्मा का नाम हमारे रोम रोम में गूंज जाता है।फिर भक्त ध्यानपूर्वक अनुभव करें, कि मेरे स्वामी ,मेरे प्रभु मुझे सुन रहे हैं।और इस भवबंधन के चक्र से निकाल मुझे अपनी शरण मे ले रहे हैं। फिर प्रार्थना करे ,मेरे स्वामी,मेरे आराध्य,मेरे श्री हरि,मेरे ठाकुर आप ही मेरे सर्वस्व हो,आप ही मेरे प्राण हो,आपके बिना ये जीवन नीरस लग रहा है,मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा, मै विचलित हूं,मन शांत नहीं रहता,संसार के सारे पदार्थ,रिश्ते नाते,सभी आपके बिना मुझे तुच्छ लग रहे हैं, हे परमेश्वर मेरा जीवन व्यर्थ है।आपकी मुझ पर किरपा बनी रहे, आपका मेरा सम्बन्ध अनादिकाल से है और अनन्तकाल तक रहेगा।फिर आप मेरी ओर दृष्टि क्यो नही डालते,आप इस आत्मा के परमहितैषी हो।हे ईश्वर,हे प्राण नाथ,हे अंतरयामी जीवन में आपकी किरपा से मुझे सब अच्छा अच्छा ही मिला।अब जीवन इस अंतिम बेला में मुझ पर अपनी किरपा बरसाओ,मेरी उतनी ही श्वांसे रहें,जितना यह शहरी स्वयं कार्य कर सके,इसे किसी पर आश्रित न करना।मुझे आप पर अटूट श्रद्धा और समर्पण है मुझे पर जन्म जन्मों के बंधन से मुक्त करो।जीवन की इस अंतिम पड़ाव में मैं ध्यान की यात्रा में हूं मेरे ठाकुर धीरे धीरे मुझे अपनी शरण मे ले रहे हैं।
जय जय श्री राधेकृष्ण जी।श्री हरि आपका कल्याण करें। 🙏🏻🙏🏻
Today’s Bhagavad meditation. Lord Shri Krishna says in the Bhagavad Gita that I am the moon, the stars, all the planets, all the rivers, all the oceans, all the mountains and the unique, unique living beings. All devotees know and believe that I am in everything in this material world. , yet he does not surrender to Me completely. If a devotee surrenders to Me with full devotion, then he will hear the sound of my name on every beat of his heart, the music of Shri Hari’s name will resound in his ears. She lovingly calls her child by Aneko name. We also affectionately call Shri Hari by Aneko name. When we affectionately call Shri Hari, the name of God reverberates in our every pore. Swami, my Lord is listening to me. And taking me out of this cycle of material bondage is taking me to His refuge. Then pray, my Lord, my adorable, my Shri Hari, my Thakur, you are my everything, you are my life, without you this life seems dull, I am not feeling good, I am distracted, mind I don’t remain calm, all the things in the world, relationships, everything seems insignificant to me without you, O God, my life is in vain. May you be kind to me, I have a relationship with you from time immemorial and will last forever. Then you turn to me Why don’t you look at me, you are the supreme benefactor of this soul. O God, O Lord of souls, by your grace in this intermediate life, I got everything good. Now, in this last moment of life, shower your blessings on me, let my breath be the same. As much as this urban can work on its own, do not depend on anyone. I have unwavering faith and dedication on you, but free me from the bondage of births. In this last stage of life, I am in the journey of meditation, my Thakur slowly Taking me in your shelter. Jai Jai Shri Radhekrishna ji. May Shri Hari bless you.