मेरे भगवान सजे संवरे हुए मुस्काते हुए पीत पिताम्बर में ऐसे लगते जैसे दिल चीरकर हृदय में समा जाएंगे। उनकी मोहन मुस्कान मन का कमल खिलाती। नजरे टिकी ही रह जाती है। नजर एक बार छवि को निहारती तब छवि में खो जाती हैं। भक्त फिर नैन मुंदकर दिल में खोजता है। कभी छवी को निहारता तो कभी अन्तर्मन में खो जाता है। ऐसे में सबमें भगवान दिखाई देते है जय श्री राम
अनीता गर्ग
My God looks like a decorated smiling yellow pitambar, as if the heart will break and get absorbed in the heart. His Mohan smile blooms the lotus of the mind. The eyes remain fixed. Once the eye sees the image, then it gets lost in the image. The devotee then closes his eyes and searches in the heart. Sometimes he stares at the image and sometimes gets lost in the conscience. In such a situation, God is seen in everyone, Jai Shri Ram. Anita Garg