निर्गुण निराकार भगवान 2

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ये प्रेम जीवन भर हंसाता है जीवन भर रूलाता है। प्रभु प्रेमी अपने प्रभु के चरणों में समर्पित हो जाता है।  आन्नद तक को ठुकराता हैं। आन्नद आने पर प्रभु प्रेमी जानता है यह कुछ भीड़ इकट्ठी करता है।प्रभु प्रेमी प्रभु से ही खेल कर प्रभु को रिझाना चाहता है।वो आंसू आंसू नहीं है। जो बहा दिए जाते हैं। उन आसुओं से प्रभु प्रेमी प्रार्थना करके अपने स्वामी के चरणों को पखारा करते हैं। प्रभु के प्रेम में रातें दिन की तरह बीत जाया करती है।


हाथ कार्य करते हैं शरीर चल रहा होता है। आत्मा परमात्मा की बन जाना चाहती है। जय श्री राम
अनीता गर्ग



This love makes you laugh for life, makes you cry for life. The lover of the Lord surrenders at the feet of his Lord. Rejects even Anand. The Lord lover knows that some crowd gathers when the joy comes. The Lord lover wants to woo the Lord by playing with the Lord. Those tears are not tears. which are shed. By praying to those tears, Lord lovers purify the feet of their master. Nights pass like days in the love of the Lord.

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