भगवान प्रेम में समाए हुए है।
प्रेम से ही प्रकट होते हैं।
कोई भी भक्त भगवान् से,
बार बार विनती करता है।
हे प्रभु प्राण नाथ, मेरे स्वामी भगवान्
तुम मेरे दिल में समा जाओ।
भक्त भगवान से अन्तर्मन से
प्रार्थना करता है ।
भक्त कर जोङकर शिश नवाकर,
गुरुदेव को प्रणाम करता है ।
अपने इष्टदेव का ध्यान धरते हुए,
अन्तर्मन से प्रार्थना करता है
हे स्वामी भगवान नाथ
हे भगवान आज दिल करता है।
तुम्हे हृदय में बिठा लु।
तुम इन नैनो में बस जाओ
हे नाथ तुम्हारे हृदय में विराजमान होने पर
इन नैनो को ये जगत
तुम्हारा रूप दिखाई देगा।
भक्त दो तीन घंटे तक अन्तर्मन मे,
भगवान से अनेकों भाव से,
मन ही मन प्रार्थना करता है।
अपने आप को भुल जाता है।
एक दिन भगवान भक्त के,
ह्दय में समा जाएंगे।
भगवान् कृष्ण रूप में आये
तब बेङीया खुल जाती है।
माता देवकी और वासुदेव का,
प्रेम परमात्मा को प्रकट कर देता है
भक्त भगवान से प्रेम करना चाहता है।
भक्ती करना चाहता है।
भक्त भगवान का बन जाना चाहता है।
भक्त जानता है जन्म जन्मानतर की,
बेङीया भगवान ही काट सकते हैं।
दिल का अरमान यही
तुम हो सामने मेरे,
मै तुम्हे निहारता रहु जय श्री राम अनीता गर्ग
God is absorbed in love. manifested through love. Any devotee requests the Lord again and again that O Lord Pran Nath my lord Lord, you should be absorbed in my heart. The devotee prays to God in the heart as soon as he wakes up in the morning. Keeping his attention, he prays to the heart, O Swami Bhagwan Nath, Oh God, today my heart makes you sit in my heart. You settle in these nanos, oh Nath, when you sit in your heart, these nanos will see this world as yours. The devotee prays to God in his heart for two to three hours with many expressions in his mind and forgets himself. One day the Lord will be absorbed in the heart of the devotee. When the Lord comes in the form of Krishna, the chain is opened. The love of Mother Devaki and Vasudeva is revealed to the Supreme Lord. The devotee wants to love the Lord, wants to do devotion. The devotee wants to become of God. The devotee knows that only God can cut the life after birth. Heart’s desire is you in front of me, I will keep looking at you Jai Shri Ram Anita Garg
One Response
I know this if off topic but I’m looking into starting my own weblog and was curious what all is required to get setup? I’m assuming having a blog like yours would cost a pretty penny? I’m not very internet savvy so I’m not 100 positive. Any suggestions or advice would be greatly appreciated. Kudos