बाजी रे बांसुरिया स्याम जमुना के तीर
बंसी मधुवन में बाजी,
काम छोड़ सारी सखियां भागी
धुन सुन के मै हो गई राजी नैना बहे नीर
बंसी की धुन परी कानन में
चमक उठी मोरे आंगन में
भाग चली घर से मधुवन में धरे नहीं धीर
बंशी बाज चली बेखटकी
छोड़ चली मैं सिर की मटकी
भूल गई मै सुध औघट की उड़ चल्यो चीर
सीताराम कृस्न गुण गावे
सारी सखियां धुन सुन आवें
मधुर मधुर मोहन मुसकावे मिटे भव पीर
Baji Re Bansuria Siam Jamuna Ke Arrows
Batting in Bansi Madhuvan,
All the friends ran away leaving work
I agreed after listening to the tune, Naina Bahe Neer
Bansi tune in Pari Kanan
More shining in the courtyard
I ran away from home and did not stay in Madhuvan.
banshee hawk went boldly
I left the pot of my head
I forgot to fly away
Sitaram Krishna Gun Gave
Let all the friends listen to the tune
Madhur Madhur Mohan Muskawe Mitte Bhava Peer