म्हारा संत दवारे आया रे भाई जोड़या दोनो हाथ
जोड़या दोनो हाथ साधु भाई करु ज्ञान की बात
सतगुरु आया शब्द सुनाया निर्मल हो गया हार
प्रेम शब्द की बात बताई , माला जपूगा दिन रात
जाके सतगुरु सदा साथ है , वाको नहीं रे अगाध
निज भक्ति को बीज रोपियों चालयों सत्संग साथ
पांचों चोर पकड बस्ती मे , सतगुरु मारी लात
कुकर्मा री जात बताई , ईश्वर की नही जात
साहेब कबीर मोहे समरथ मिलिया निवता जिमायो भात
धरामदास पर कृपा करीन , मिल गया दीनानाथ
My brother came by the saint, joined both hands
Added both hands, Sadhu brother, do the matter of knowledge
Satguru came, uttered the word, became pure, defeated
Told the word of love, garland will be chanted day and night
Go, Satguru is always with you, don’t walk
The seeds of self-devotion are planted with satsang.
The five thieves caught in the settlement, Satguru kicked
Told the caste of misdeeds, not the caste of God
Sahib Kabir Mohe Samarath Millia Nivata Jimayo Bhaat
Dharamdas is kindly blessed, he got Dinanath