ओ मेरे भोले बाबा, पलका उघाड़ो सावन आ गयो।
सावन क महीना में बाबा, बिल्व पत्र चढ़ावा-॥
आक धतूरा, और कनिर का बाबा फूल चढ़ावां जी
ओ मेरे भोले बाबा…….
हरिद्वार और लोहागर से भगतां
कावड़ ल्यावे-॥
दूध दही और पंचामृत से बाबा ने नहलावे जी
ओ मेरे भोले बाबा……
सावन क महीना में थारे लोटा जल
जो चढ़ावे-॥
सगळा संकट बिका बाबो पल म
दूर भगावे जी
ओ मेरे भोले बाबा…….
सावन का महीना की भगतो
महिमा है बड़ी भारी-॥
जो भी ऐं की शरण में आवे, विपदा
मिट ज्या सारी जी
ओ मेरे भोले बाबा…..
लाज राखियो भोले शंकर चरणां
शीश नवावैं-2
सब भगतां के सागे बाबा “मनु”भी
थाने ध्यावे जी
ओ मेरे भोले बाबा, पलका उघाड़ो
सावन आ गयो।
भजन रचना…..
मनोज कुमार ठठेरा “मनु”
झुंझुनू (राज.)
O my Bhole Baba, open your eyelids and Sawan has come.
In the month of Sawan, Baba, offer bilva leaves-॥
Aak dhatura, and Kanir ka Baba offer flowers
O Mere Bhole Baba.
Bhagtan from Haridwar and Lohagar
Kavad Lyave-॥
Baba bathed me with milk, yogurt and panchamrit
O Mere Bhole Baba.
Your bucket of water in the month of Sawan
who offers-॥
All the crisis is sold in a moment
Bhagave away, sir
O Mere Bhole Baba.
Devotees of the month of Sawan
The glory is very heavy-.
Whoever takes refuge in Ain, disaster
Erase all of it
O Mere Bhole Baba.
Laaj Rakhiyo Bhole Shankar Charan
They bow their heads-2
Baba “Manu” along with all the devotees
Thane Dhyave Ji
Oh my Bhole Baba, open your eyelids
Sawan has come.
Bhajan Rachana.
Manoj Kumar Thathera “Manu”
Jhunjhunu (Raj.)