
।। रुद्रगायत्री मंत्र एवं श्रीरुद्रद्वादशनामस्तोत्रं ।।
रूद्ररूप में भगवान शिव के साथ संरेखित करने के लिए रुद्र गायत्री मंत्र का अभ्यास किया जाता है। रूद्र मंत्र
रूद्ररूप में भगवान शिव के साथ संरेखित करने के लिए रुद्र गायत्री मंत्र का अभ्यास किया जाता है। रूद्र मंत्र
हरीओम नम शिवाय हरीओम नम शिवायकैलाश पर्वत से चले सदाशिव अवध पूरी को आयेराम जनम की महिमा सुन लईदर्शन को
शिव का नाम लो । हर संकट में ॐ नमो शिवाय बस यह नाम जपो ॥ जय शम्बू कहो ।
बुडा तेरा लढ़ा बना नही गोरजा, नारद विचोले कहर ढाया गोरजा, सिर ते जटावा वाला ताज सजाया है, बेल दे
भोले तेरे नाम का ऐसा हुआ सरुर, तुजमे सब कुछ सब कुछ तू है हर हर में तेरा है नूर,
शिव की नगरियां शिव के धाम चले, शिव की नगरियां शिव के धाम, कंधे पे तू कावर लेके जपके शिव
चल कावड़िया रे चल चल कावड़िया, कावड उठा के चल कावड़िया, बोल बम बोल बम कावड़िया कावड उठा के चल
कबूल मेरी विनती होनी चाहिए, तेरे पागलो में गिनती होनी चाहिए, तेरे नाम का लेके सहरा चलता है परिवार हमारा,
हे शिव शंकर डमरू वाले तेरा रूप निराला, जय शंकर भोले, जय शम्बू भोले, बम बम भोले तू है शिव
शंकर नमामि शंकर नमामि, अंतर यामी और निष्कामी, जय बाबा ओमकारी स्वामी, मनर मदा की पावन धरा करती है अभिषेक