साल में महिना जब फागुन का आता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता,
ढोलक नगाड़े बजने लगते है,
कोई मुझे रोको कोई मुझे तोको न मैं हु दीवाना,
अरे पग में बांधे गुनगुरु जब बजता हु,
ताने कसता है मुझ पे हस्ता है जालिम जमाना,
रंग श्याम सांवले का ऐसा चड़ा जाता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता,
रंगगिला मौसम जो आये ललचे मन मेरा ,
कैसे नगरिया हम बाबा की जाए,
अखियो में खाटू का नजारा सामने आते ही अजब की मस्ती मेरे मन में छाए,
इतंजार में ही पूरा साल बीत जाता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता,
श्याम सुंदर माल भी लुटते है अपने खजाने से कोई बहाने से बनके तुम्हारे,
तनखा पुरे साल की देते है कुछ भी ना लेते है,
बाँट ते रहते है श्याम हमारे,
इतर इतना महक ता ले जग महक जाता,
श्याम याद आता मुझे श्याम याद आता
Month of the year when Phagun comes,
I miss Shyam, I miss Shyam,
Dholak drums start ringing,
Somebody stop me, no one bites me, I’m crazy,
Hey, when I ring the Guru tied in the foot,
Taunts, I have a crush on me,
The color of the dark brown color would have gone up like this,
I miss Shyam, I miss Shyam,
Ranggila season which comes my greedy mind,
How can we go to Baba’s city?
As soon as the sight of Khatu came to the fore in Akhiyo, strange fun filled my mind,
The whole year would have passed in just waiting,
I miss Shyam, I miss Shyam,
Shyam Sundar also loots goods from his treasury by making excuses for you,
Gives salary for the whole year, does not take anything,
Shyam keeps sharing with us,
If you take so much smell, the world would smell like this,
i miss shyam i miss shyam