जिनका दिल मोहन की चौखट का दीवाना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका आशियाना हो गया
कर लिया दीदार जिसने सांवले सरकार का
बन गया नौकर हमेशा के लिए दरबार का
रोज़ मिलने का प्रभु से ये बहाना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका…
ना रही परवाह जगत की और कुछ ना भा रहा
श्याम का श्रृंगार जब आँखों के आगे आ रहा
हल्का सा अंदाज़ उनका आशिकाना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका…
सांसों की सरगम थिरकती सँवारे के नाम से
मन के सांसों पर तराने श्याम के बस श्याम के
उनका दीवाना तो संजू ये ज़माना हो गया
इस जहाँ से दूर उनका…
Whose heart became crazy about Mohan’s door
away from this where his home became
Say Shyam Shyam Shyam-4
The one who saw the dark government
Became the servant of the court forever
This became an excuse to meet the Lord everyday
His far away from this…
Don’t care about the world and don’t like anything
When Shyam’s makeup is coming before the eyes
A slight guess became his lover
His far away from this…
The gamut of breath in the name of trembling beauty
Shyam’s only Shyam’s taunting on the breath
He is crazy about Sanju, this time has become
His far away from this…