” प्रेम “ जो काम धीरे बोलकर, मुस्कुराकर और प्रेम से बोलकर कराया जा सकता है उसे तेज आवाज में बोलकर और चिल्लाकर करवाना मूर्खों का काम है। और जो काम केवल गुस्सा दिखाकर हो सकता है, उसके लिए वास्तव में गुस्सा करना यह महामूर्खों का काम हैं। अपनी बात मनवाने के लिए अपने अधिकार या बल का प्रयोग करना यह पूरी तरह पागलपन होता है। प्रेम ही ऐसा हथियार है जिससे सारी दुनिया को जीता जा सकता है । प्रेम की विजय ही सच्ची विजय है। आज प्रत्येक घर में ईर्ष्या, संघर्ष, दुःख और अशांति का जो वातावरण है उसका एक ही कारण है और वह है प्रेम का अभाव।
आग को आग नहीं बुझाती पानी बुझाता है। प्रेम से दुनिया को तो क्या दुनिया बनाने वाले तक को जीता जा सकता है। पशु -पक्षी भी प्रेम की भाषा समझते है। तुम प्रेम बाटों, इसकी खुशबू कभी खतम नहीं होती ।
“Love” The work that can be done by speaking softly, smiling and speaking with love, it is the work of fools to get it done by speaking in a loud voice and shouting. And for the work which can be done only by showing anger, it is really the work of great idiots to get angry. It is complete insanity to use your authority or force to get your point across. Love is the only weapon with which the whole world can be conquered. True victory is the victory of love. The atmosphere of jealousy, conflict, sorrow and unrest in every house today has only one reason and that is the lack of love.
Fire does not extinguish fire, water extinguishes it. With love, even the creator of the world can be conquered. Even animals and birds understand the language of love. You love, its fragrance never ends.