मात पिता के घर में सबकुछ बच्चों का है मात पिता का जीवन है बच्चे। बच्चे घर पर आते हैं तब मात पिता के दिल में लाख अरमान होते हैं हमारे बच्चों के लिए आसमान तोड़ ले आए हम, एक से एक चीज घर में लेकर आते हैं। नई से नई चीज बनाना चाहते हैं पिता सुबह उठकर भर भर कर थैले फ्रूट लेकर आते हैं। मां सुबह सात बजे उठकर किचन में लग जाती है खुशी का कोई पार नहीं पाती है। बच्चे मां कुछ कहती नहीं है उससे पहले आप तो नाराज हो हमे डांटते हो।
मात पिता बच्चों के घर जाते हैं। बहु को चिन्ता सताती है कही कुछ ये इस का ज्यादा न खा ले। घर में घी चीनी तक लेकर आनी आवश्यक नहीं होती है। कभी कोई चीज़ ये न खाले मेरा पति का पैसा क्यो खर्च हो बात बात पर बहु दिखाती है। अरे बच्चों दिन बदलते देर नहीं लगती है। मात पिता को बहु बेटी समय से पहले बुढापे की तरफ ले जाते हैं। अरे मात पिता तुम बच्चों में अपना जीवन मत ढुढना। जीवन खुशी से जीना चाहते हो तब अपने आप में जीवन की खोज कर लेना। नहीं है कोई आपका यंहा पैसे के तराजू से मात पिता को तोला जाता है। बच्चों के गुस्से होने का अन्य नहीं कोई कारण होता है। मात पिता का तराजू हल्का दिखता है। अरे बच्चों तुमनें तो जब तुम करोड़ों के बन गए तब तुम बङे बनते हो मात पिता ने तुम पर जीवन अर्पण कर दिया। उन्होंने यदि पैसे बचाने पर नजर टिकाई होती तब वे तुम्हें इतना बड़ा भी ना बना पाते। जीवन में हे मात पिता बच्चों के घर अवश्य जाना जीवन की पुरणता का पाठ तुम पढ कर आना। हे मात पिता बेटी बेटा के घर पर रोटी की तुम आशा मत करना।बेटी बहु जिन पर मां सास जान छिङकती है उनको डर लगता है। कंही मां रसोई में कुछ बना न ले। नहीं अब आप रसोई में कुछ नहीं बनाओगे।एक मां पुछती है। तुमसे मां ने कितनी रात जागकर हर क्षण तुम्हारे साथ खड़े रहकर है पालन पोषण किया। फिर मात पिता क्यो आंखों की किरकिरी बन गए। हे मात पिता तुम मत घबराना बेटी बहु के व्यवहार पर।
बैठ प्रभु का सुमिरन करना। नहीं दिखाना सुमिरन को, सुमिरन में छुपा हुआ मिठास है। कुछ समय राम नाम रस को पीना ये रस दिल को ठण्डक देता है। राम नाम का रस अन्तर्मन मे तृप्ति भर देगा। भौतिक सुख भुख से ऊपर उठा देंगा। नहीं कोई कामना होगी नहीं कोई अरमान रहेगा। दिल शान्त होगा मन की उछल कदमी ठहर जाएगी। समझौता वादीता मन में आ जाएगी। हे मात पिता दिल से भगवान नाथ श्री हरी के चरणों में समर्पित हो जाना। परम पिता परमात्मा के चरणों में समर्पित होते ही राग द्वेष सब छूप जाएगे।हे मात पिता तुम को एक खुशी बताती हू। बेटी बहु की कङवी बातो में एक सच्चाई छुपी हुई। जब बच्चे घर से जाते हैं। उनकी याद में आंसू कभी बहाओगे नहीं क्योंकि वह परम तुम्हें मोहीत होने नहीं देगा तुम सम रूप हो जाओगे। भगवान नाम रस को चखते रहोगे दिल के धनी तुम बन जाओगे यही जीवन की सत्यता हैं। जय श्री राम अनीता गर्ग
In the mother’s house, everything belongs to the children; the life of the mother and father is the children. When the children come home, then there are lakhs of desires in the heart of the mother and father, we have broken the sky for our children, we bring one thing to the house. Wanting to make new things, father wakes up in the morning and fills the bags with fruits. Mother wakes up at seven o’clock in the morning and starts in the kitchen, no one can find happiness. Children, mother does not say anything, before that you get angry and scold us. Parents go to the children’s homes. The daughter-in-law is worried that she may not eat too much of this. It is not necessary to bring ghee even sugar in the house. Never eat anything, why should my husband’s money be spent, the daughter-in-law shows the matter. Hey children, it doesn’t take long for the day to change. Daughter-in-law of mother and father leads to premature old age. Oh Mother Father, don’t look for your life in you children. If you want to live life happily, then search for life in yourself. There is no one here. Your father is weighed with the scales of money. There is no other reason for children to be angry. The scales of the parent look lighter. Hey children, when you have become worth crores, then you become children, the mother father has laid down her life on you. If he had focused on saving money, then he would not have made you so big. In life, oh parents, you must go to the children’s house and come after reading the lesson of the perfection of life. O mother, father and daughter, don’t expect bread at the son’s house. No mother should cook anything in the kitchen. No, now you will not cook anything in the kitchen. A mother asks. How many nights did your mother wake up from you, stand by you every moment, nurture it. Then why did the mother and father become a grit in the eyes? Oh mother father, don’t you worry about the behavior of daughter-in-law.
Sit down and worship the Lord. Do not show Sumiran, there is a hidden sweetness in Sumiran. Drink Ram Naam Ras for some time, this juice cools the heart. The juice of Ram’s name will fill the soul with satisfaction. Will lift you up from hunger for material happiness. No, there will be no desire and there will be no desire. The heart will be calm, the bouncing steps of the mind will stop. Compromise litigant will come to mind. O Mother Father, surrender from the heart at the feet of Lord Nath Shri Hari. As soon as you are surrendered at the feet of the Supreme Father, the love and hatred will all disappear. O Mother Father, I tell you one happiness. There is a truth hidden in the poetry of daughter-in-law. when the children leave the house. You will never shed tears in his memory because that Supreme will not allow you to be captivated, you will become equal. You will continue to taste the rasa of God’s name, you will become rich in heart, this is the truth of life. Jai Shri Ram Anita Garg