निश्चित ही स्वभाव बदल जाने से जीवन का प्रभाव भी बदल जाता है। यूँ तो अधिकांश लोग जिन्दगी से शिकायत किया करते हैं। मगर बहुत थोड़े ही लोग हुआ करते हैं जो शिकायतों में भी हँसकर जिया करते हैं। जिन्दगी से हमारी शिकायतों का कारण अभाव नहीं अपितु हमारा स्वभाव होता है। हम सिर्फ खोने का दुःख मनाना जानते हैं पाने की खुशी नहीं। खुशी के लिए काम करोगे तो खुशी ही मिले यह निश्चित नहीं मगर खुश होकर काम करोगे तो खुशी अवश्य मिलेगी। जिन्दगी से शिकायत करने की अपेक्षा जो प्राप्त है, उसका आनंद लेना सीखो। यही जीवन की वास्तविक उपलब्धि है। शांति एवं आनंद उसी के जीवन में होता है, जिसकी दृष्टि क्या क्या खो दिया की अपेक्षा क्या क्या क्या पा दिया, इस बात पर होती है।
कुछ के पास कुछ भी नहीं होता है फिर भी खुश रहते हैं कुछ के पास भरे भण्डार होते हैं फिर भी जीवन में चैन नहीं होता है।
तकदीर के लिखे पर कभी शिकवा न कर ,
तू अभी इतना समझदार नहीं कि
ईश्वर के इरादे समझ सके।
Of course, with a change in nature, the effect of life also changes. Well, most people complain about life. But there are very few people who live laughing even in complaints. The reason for our grievances with life is not lack but our nature. We only know how to mourn the loss, not the joy of getting it. If you work for happiness, it is not sure that you will get happiness, but if you work happily then you will definitely get happiness. Learn to enjoy what you get instead of complaining about life. This is the real achievement of life. There is peace and joy in the life of the one whose vision is on what has been gained rather than what is lost.
Some have nothing, yet remain happy, some have full reserves, yet there is no peace in life.
Never teach on the writing of fate, you’re not so smart yet Understand God’s intentions.