हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अलग-अलग महिमा है। शास्त्रों में चातुर्मास में आने वाले कार्तिक मास को धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष देने वाला माना गया है। तुला राशि पर सूर्यनारायण के आते ही कार्तिक मास प्रारंभ हो जाता है। इस मास में तुलसी पूजा का बहुत महत्व है।
भगवान श्रीकृष्ण ने इस मास की व्याख्या करते हुए कहा है,‘पौधों में तुलसी मुझे प्रिय है, मासों में कार्तिक मुझे प्रिय है, दिवसों में एकादशी और तीर्थों में द्वारका मेरे हृदय के निकट है।’
आंवले के फल व तुलसी-दल मिश्रित जल से स्नान करें तो गंगा स्नान के समान पुण्यलाभ होता हैं। कार्तिक मास में मनुष्य की सभी आवश्यकताओं जैसे- उत्तम स्वास्थ्य, पारिवारिक उन्नति, देव कृपा आदि का आध्यात्मिक समाधान बड़ी ही आसानी से हो जाता है।
कार्तिक माह में तुलसी पूजन करने तथा सेवन करने का विशेष महत्व बताया गया है। जो व्यक्ति यह चाहता है कि उसके घर में सदैव शुभ कर्म हो, सदैव सुख शान्ति का निवास रहे उसे तुलसी की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जिस घर में शुभ कर्म होते हैं वहां तुलसी हरी-भरी रहती है एवं जहां अशुभ कर्म होते हैं वहां तुलसी कभी भी हरी-भरी नहीं रहती।
कार्तिक मास में तुलसी पूजन का खासा महत्व बताया गया है। इसके समीप दीपक जलाने से मनुष्य अनंत पुण्य का भागी बनता है। जो तुलसी को पूजता है उसके घर मां लक्ष्मी हमेशा के लिए आ बसती है, क्योंकि तुलसी में साक्षात लक्ष्मी का निवास माना गया हैँ।
पौराणिक कथा के अनुसार गुणवती नामक स्त्री ने कार्तिक मास में मंदिर के द्वार पर तुलसी की एक सुंदर वाटिका लगाई। उस पुण्य के कारण वह अगले जन्म में सत्यभामा बनी और सदैव कार्तिक मास का व्रत करने के कारण वह भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी बनी।
According to the Hindu calendar, each month has a different glory. In the scriptures, the month of Kartik, which comes in Chaturmas, is considered to give Dharma, Artha, Kama and Moksha. The month of Kartik begins as soon as Suryanarayana enters Libra. Tulsi Puja is of great importance in this month.
Explaining this month, Lord Krishna has said, ‘Tulsi is dear to me in plants, Kartik is dear to me in months, Ekadashi in days and Dwarka in pilgrimages is near my heart.’
Taking a bath with mixed water of Amla fruit and Tulsi-dal gives virtuous benefits like bathing in the Ganges. In the month of Kartik, all the needs of human beings like good health, family progress, God’s grace etc. get spiritual solution very easily.
Special importance has been given for worshiping and consuming Tulsi in the month of Kartik. The person who wants that there should always be auspicious work in his house, there should always be happiness and peace, he must worship Tulsi. Tulsi remains green in the house where good deeds take place and where inauspicious deeds take place, Tulsi never remains green.
The importance of Tulsi Puja in the month of Kartik has been told. By lighting a lamp near it, a person becomes a partaker of infinite virtue. Mother Lakshmi always resides in the house of one who worships Tulsi, because Tulsi is believed to be the abode of Lakshmi.
According to the legend, a woman named Gunavati planted a beautiful Tulsi garden at the entrance of the temple in the month of Kartik. Due to that virtue, she became Satyabhama in the next birth and she became the wife of Lord Krishna due to her fasting for the month of Kartik.