*ऐसी लगन लगा दे तू , उठ उठ कर मैं रातों को*
*कभी मैं पकडू माला को , कभी मैं जोडू हाथों को*
*श्याम तुम्हारी माला के बिन, एक पल भी ना प्राण मिले*
*भूल गई खुद की हस्ती को , तेरी तस्वीर संवारू में*
*पर, इनको इतनी जान मिले*
*घर की एक-एक खूंटी पर , भक्ति का सामान मिले*
*इतनी भक्ति हो जाए , एक दिन आकर श्याम मिले*
पर
* You put such a passion, I wake up at nights * *Sometimes I hold the garland, sometimes I hold the hands* * Shyam without your garland, not even a moment will get life.
* Forgot your own personality, in your picture Sanwaru * * but, they get so much life *
* On every peg of the house, get the goods of devotion. * there should be so much devotion, one day come and meet Shyam. Feather