श्री ताराकान्त राय बंगालके कृष्णनगर राज्यके उच्च पदपर नियुक्त थे। नरेश उन्हें अपने मित्रकी भाँति मानते थे। बहुत समयतक तो वे राजभवनके ही एक भाग में निवास करते थे। उस समय जाड़ेकी ॠतुमें एक दिन वे बहुत अधिक रात बीतनेपर अपने शयन कक्षमें पहुँचे। वहाँ उन्होंने देखा कि उनका एक पुराना सेवक उनकी शय्यापर पैतानेकी ओर सो रहा है। श्रीरायने एक चटाई उठायी और उसे बिछाकर चुपचाप भूमिपर ही सो गये।
कृष्णनगरके नरेशको सबेरे-सबेरे कोई उत्तम समाचार मिला। प्रसन्नताके मारे नरेश स्वयं श्रीरायको वह समाचार सुनाने उनके शयन कक्षकी ओर चले आये।नरेशने उनका नाम लेकर पुकारा, इससे रायमहोदय उठ बैठे। शय्यापर सोया नौकर भी जाग गया और डरता हुआ दूर खड़ा हो गया। राजाने समाचार सुनानेसे पहले पूछा- ‘राय महाशय ! यह क्या बात है ? आप भूमिपर सोते हैं और सेवक शय्यापर ।’
श्रीरायने कहा- ‘मैं रातमें लौटा तो यह शय्याके पैताने सो गया था। मुझे लगा कि इसका स्वास्थ्य ठीक नहीं होगा अथवा यह बहुत अधिक थक गया होगा काम करते-करते शय्यापर तनिक लेटते ही नींद आ गयी होगी। जगा देनेसे इसे कष्ट होता और चटाईपर सो जानेमें मुझे कोई असुविधा थी नहीं।’
Mr. Tarakant Rai was appointed to the high post of Krishnanagar state of Bengal. The king considered him like his friend. For a long time, he used to reside in a part of the Raj Bhavan itself. At that time, one day in the winter season, after spending too many nights, he reached his bedroom. There he saw one of his old servants sleeping on his side of the bed. Shrirayan picked up a mat and spread it and slept silently on the ground.
The king of Krishnanagar got some good news early in the morning. Overjoyed, the king himself went to Shri Raya’s bedroom to tell the news. The servant who was sleeping on the bed also woke up and stood far away in fear. Before narrating the news, the king asked – ‘ Opinion sir! What is this matter? You sleep on the ground and the servants on the bed.’
Shriraya said- ‘When I returned at night, he was asleep at the foot of the bed. I thought that his health would not be good or he must have been very tired and fell asleep while lying on the bed while working. It would have been painful to wake him up and I had no inconvenience in sleeping on the mat.’