
हम मूर्ख क्यों बनें
एक विचारशीला भगवद्भक्ता नारीका एकमात्र पुत्र मर गया। पति घरसे बाहर गये थे। उस नारीने पुत्रका शव ढक दिया और
एक विचारशीला भगवद्भक्ता नारीका एकमात्र पुत्र मर गया। पति घरसे बाहर गये थे। उस नारीने पुत्रका शव ढक दिया और
रहीम खानखाना मुसलमान होनेपर भी श्रीकृष्णके अनन्य भक्त थे। एक बार दिल्लीके बादशाहकी आज्ञा उन्होंने दक्षिण भारतके एक हिंदू राजापर
अभिरूप कपिल कौशाम्बीके राजपुरोहितका पुत्र था और आचार्य इन्द्रदत्तके पास अध्ययन करने श्रावस्ती आया था। आचार्यने उसके भोजनकी व्यवस्था नगरसेठके
प्रबल वैरीपर विश्वास करनेका दुष्परिणाम कुसुमपुर (पटना) में नन्द नामका राजा था। उसके मन्त्रीका नाम शकटार था। किसी कारणवश मन्त्री
बहादुरीका इनाम हीरोशियो नेलसन एक दरिद्र लड़का था। उसके मामा मारिस साक्लेंग जब एक समुद्री जलयानके कप्तान बने, तब उसने
2- यह सच या वह सच राजा जनक अपने महलमें पलंगपर सोये थे । उनको एक सपना दीख पड़ा कि
एक विद्वान् ब्राह्मण एक धर्मात्मा नरेशके यहाँ पहुँचे। उनका सत्कार हुआ। ब्राह्मणने कहा- ‘राजन् ! आपकी इच्छा हो तो मैं
भगवान् बुद्धके जीवनकी घटना है। तथागत छप्पन सालके थे। अभीतक अपनी परिचर्याके लिये किसी उपस्थाक (परिचारक) – की नियुक्तिकी आज्ञा
वृन्दावनके पास एक ब्राह्मण रहता था। एक समय ऐसा आया कि उसके सभी घरवालों की मृत्यु हो गया। केवल वही
भगवान् बुद्धके पहले जन्मकी बात है। उस समय वे बोधिसत्त्व अवस्थामें थे। उन्होंने एक समृद्ध घरमें जन्म लिया था। अपनी