रंगीली तीज गनगौर

श्रीनाथ जी नाथद्वारा
व्रज – चैत्र चतुर्थी

रंगीली तीज गनगौर आज चलो भामिनी कुंज छाक लै जैये।
विविध भांति नई सोंज अरपि सब अपने जिय की तृपत बुझैये॥१॥
लै कर बीन बजाय गाय पिय प्यारी जेंमत रुचि उपजैये।
कृष्णदास वृषभानु सुता संग घूमर दै दै नंदनंद रिझैये॥२॥

द्वितीय (हरी) गणगौर

विशेष – आज हरी गणगौर है. आज की गणगौर चन्द्रावलीजी के भाव की है अतः श्रीजी को नियम के पंचरंगी लहरिया वस्त्र धराये जाते हैं.

पहली तीनों गणगौरों (चूंदड़ी, हरी व गुलाबी) में रात्रि के अनोसर में श्रीजी को सूखे मेवे (बादाम, पिस्ता, काजू, किशमिश, चिरोंजी आदि), खसखस, मिश्री की मिठाई के खिलौने, ख़ासा भण्डार में सिद्ध मेवा-मिश्री के लड्डू, माखन-मिश्री आदि से सज्जित थाल अरोगाया जाता है.

कीर्तन – (राग : सारंग)

बैठे हरि राधा संग कुंजभवन अपने रंग
कर मुरली अधर धरे सारंग मुख गाई l
मोहन अति ही सुजान परम चतुर गुन निधान
जान बुझ एक तान चूकके बजाई ll 1 ll
प्यारी जब गह्यो बीन सकल कला गुन प्रवीन
अति नवीन रूप सहित, वही तान सूनाई ll 2 ll
‘वल्लभ’ गिरिधरन लाल रिझ दई अंकमाल
कहत भले भले जु लाल सुंदर सुखदाई ll 3 ll

साज – आज श्रीजी में एक ओर श्रीकृष्ण एवं दूसरी ओर श्रीबलरामजी के साथ घूमर नृत्य करती व्रजललनाओं (गोपियों) और गणगौर के सुन्दर चित्रांकन वाली पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की जाती है.

वस्त्र – आज श्रीजी को पंचरंगी लहरिया का सूथन, चोली तथा खुलेबंद के चाकदार वागा धराये जाते हैं. सभी वस्त्र रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित होते हैं. ठाड़े वस्त्र सफ़ेद डोरिया के धराये जाते हैं.

श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. पन्ना के सर्व आभरण धराये जाते हैं.
श्रीमस्तक पर पंचरंगी लहरिया की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, पन्ना की सीधी चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में पन्ना के दो जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.
श्रीकंठ में त्रवल के स्थान पर पन्ना का कंठा धराया जाता है.
गुलाबी एवं पीले पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, लहरिया के वेणुजी एवं दो वेत्रजी (एक स्वर्ण का) धराये जाते हैं.
पट हरा व गोटी लहरिया की आती है.



Srinath Ji Nathdwara Vraja – Chaita Chaturthi

Rangili Teej Gangaur today let’s go to Bhamini Kunj Chaak. Various types of new sojj Arpi all satisfy the satisfaction of their lives ॥1॥ Instead of taking beans, drink cow and develop interest in your beloved birth. ॥

II (Green) Gangaur

Special – Today is Hari Gangaur. Today’s Gangaur belongs to Chandravali ji, so Shree ji is dressed in five-colored wave cloths according to rules.

Dry fruits (almonds, pistachios, cashew nuts, raisins, chironji etc.), poppy seeds, sugar candy toys in the first three gangaurs (chundri, green and pink) at night, sweets made of sugar candy in a special store, A plate decorated with butter-mishri etc. is served.

Kirtan – (Raag: Sarang)

Kunj Bhavan sitting in its colors with Hari Radha Kar Murli adhar dhare sarang mukh sang. Mohan is the most beautiful, the most clever, the best deliberately missed a note ll 1 ll Pyari Jab Gahyo Bean Sakal Kala Gun Praveen With very new form, the same tone is heard ll 2 ll ‘Vallabh’ Giridharan Lal Riz Dai Ankmal kahat bhale bhale ju lal sundar sukhdai ll 3 ll

Arrangements – Today in Shreeji, on one side Shri Krishna and on the other side with Shri Balramji, Vrajalalanas (Gopis) dancing Ghoomar and Pichhwai with beautiful painting of Gangaur is held. White bedding is done on the mattress, pillow and footstool.

Clothing – Today Shreeji is presented with panchrangi lehariya suthan, choli and open band chakdar vaga. All the clothes are decorated with a border of silver zari tuilas. Thick clothes are tied with white cord.

Shringar – Today small (up to the waist) light shringar is put on the Lord. All the ornaments of emerald are worn. Sirpanch, loom, emerald’s straight chandrika and sheesh flowers are placed on the left side on the top of the five-colored lehariya’s chhajjadar pag on the Shrimastak. Two pairs of emerald earrings are worn in Shrikarna. Emerald’s neck is worn in place of traval in Shrikanth. Two beautiful garlands of pink and yellow flowers are put on. Pushpachhadi, Lahariya’s Venuji and two Vetraji (one of gold) are held in Srihasta. The pat is green and the goti is of Lahariya.

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