प्रेरक जानकारी: गायत्री मंत्र में क्या खास शक्ति है?

इस चित्र से आपको यह तो समझ आ गया होगा की गायत्री मंत्र से शरीर के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कम्पन व असर होता है।

चलो सबसे पहले हम समझते है कोई मंत्र काम केसे करता है, वास्तव में मंत्र के सही और सटीक उच्चारण से वह कार्य करता है, जब हम कोई मंत्र बोलते है वह ध्वनि हमारे शरीर के अलग अलग भाग से उत्पन्न होती है व अलग अलग भाग को प्रभावित करती है। उदाहरण के तौर पर जब आप प्रणव यानी कि ॐ का उच्चारण करते है तो वह भी अलग अलग भाग से उत्पन्न हुआ प्रतीत होगा, तो वैसे ही इस चित्र के अनुसार गायत्री मंत्र भी शरीर के अलग अलग बिंदुओ को प्रभावित करता है।

दूसरी बात गायत्री मंत्र क्या है, यह जानना जरूरी है, यह वास्तव में सविता देवता का मंत्र है, मतलब इसकी ऊर्जा का संबंध सविता देवता से है, सविता देवता को ही सूर्य समझिए, सूर्य की शक्ति को सविता कहा गया है। तो जो कहते है की गायत्री मंत्र से कोई असर नहीं हुआ या ना कुछ खास महसूस हुआ तो उन्हें ये जान ना जरूरी है कि इसका जप कब और केसे करे।

गायत्री मंत्र का जप दिन में होने वाली तीनों में से किसी भी संध्या के समय किया का सकता है, मतलब सवेरे, दोपहर या शाम को, वैसे तो आप दिन में कभी भी जप कर सकते है पर तब सूर्य का प्रकाश होना चाहिए और वह प्रकाश आपके शरीर को स्पर्श भी कर रहा हो, पर आपको रोज एक ही समय एक निश्चित मात्रा में जप करना चाहिए, इस लिए संध्या काल उचित होगा क्युकी तब तो आपको सूर्य का प्रकाश देख कर भी जप शुरू करने का स्मरण हो जाएगा। और एक बात गायत्री मंत्र के प्रभाव से मनुष्य, काम, क्रोध, मद, दंभ, दुर्भाव, लोभ, द्वेष, अहंकार से दूर हो सकता है। और इनसे दूर होने पर ही आध्यात्मिक उन्नति संभव है, तो जो अपनी आध्यात्मिक उन्नति चाहते है वे इसका जप अवश्य करे।

आपको यह भी पता होगा कि गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र को हिन्दू धर्म में बहुत प्रभाव शाली माना गया है, ऐसा इसीलिए है क्युकी यह दोनों मंत्र आपकी आध्यात्मिक उन्नति में बहुत बड़े सहायक सिद्ध होते है।

राम और रावण में भी यही अंतर था, रावण बहुत शक्तिशाली होने साथ ही अहंकारी भी था क्युकी वह गायत्री मंत्र का जप नहीं करता था तो वह अपने अहंकार पर विजय नहीं पा सका, जबकि श्री राम गायत्री मंत्र के जप के प्रभाव को जानकर उसका जाप करते थे और सरल स्वभाव के स्वामी थे।



You must have understood from this picture that Gayatri Mantra vibrates and affects many important points of the body.

Let us first of all understand how a mantra works, in fact it works with the correct and accurate pronunciation of the mantra, when we chant a mantra, that sound originates from different parts of our body and affects different parts. Affects. For example, when you pronounce Pranav i.e. Om, it would also seem to have originated from different parts, so according to this picture, Gayatri Mantra also affects different points of the body.

Secondly, it is important to know what Gayatri Mantra is, it is actually the mantra of Savita Devta, meaning its energy is related to Savita Devta, consider Savita Devta as Surya, Surya’s power has been called Savita. So those who say that Gayatri Mantra did not have any effect or did not feel anything special, then it is not necessary for them to know when and how to chant it.

Gayatri Mantra chanting can be done at any of the three evenings of the day, that is, in the morning, afternoon or evening, although you can chant at any time of the day, but then there should be sunlight and that light Even if it is touching your body, but you should chant at the same time every day in a certain amount, so evening time would be appropriate because then you will remember to start chanting even after seeing the sunlight. And one more thing, with the effect of Gayatri Mantra, a man can get away from lust, anger, pride, conceit, malice, greed, malice, ego. And spiritual progress is possible only by getting away from them, so those who want their spiritual progress must chant this.

You must also know that Gayatri Mantra and Mahamrityunjaya Mantra have been considered very influential in Hinduism, this is because both these mantras prove to be very helpful in your spiritual progress.

This was the difference between Ram and Ravana, Ravana was very powerful as well as arrogant because he did not chant Gayatri Mantra, so he could not overcome his ego, whereas Shri Ram, knowing the effect of chanting Gayatri Mantra, chanted it. Used to do and was the master of simple nature.

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