नाम भी अनोखे जिनके काम भी अनोखे है,
मस्तक पे चंदा ऑन है बोलो रे बोलो भगतो ये कौन है,
भूतों प्रेतों का ये डॉन है
सर्पो की गल में माला पड़ी,
अंग भभूति रग रग में लगी,
कांपे है जो मृत्यु भी जिनसे चलते है जो अंगारे बरसे,
ये पहने मृगो की छाला है जो दुनिया जिनकी जान है,
बोलो रे बोलो भगतो कौन है,
भूतों प्रेतों का ये डॉन है
हाथो में त्रिशूल सोहे तेरे
तांडव से तेरे दुनिया डरे,
कुर्मी अमन दीवाना है तेरा,
दास पिंटू भी मस्ताना है तेरा,
मेरे मस्तक चंद तिलक लगा दो ये भोले की आन है,
भूतों प्रेतों का ये डॉन है
Name is also unique, whose work is also unique,
Mastak pe chanda on hai Bolo re Bolo Bhagto who is this,
This is the don of ghosts
There was a garland around the neck of the snake,
Anga Bhabhuti got involved in the veins,
It is the trembling that death also walks, the embers that rain,
It is the blister of the deer wearing which is the life of the world,
Tell me, who is Bhagto?
This is the don of ghosts
Trishul sohe tere in hand
Your world is afraid of orgy,
Kurmi Aman Deewana Hai Tera,
Das Pintu is also your mastana,
Put some tilak on my head, it is the pride of the innocent,
This is the don of ghosts