त्रिलोक के स्वामी भोले के द्वार पे जायेंगे
काँधे पर लेकर कावर हम शिव शम्भू को जल चढ़ाएंगे
देवादि देव हैं भोले मेरे शिव महादेव है भोले मेरे
जब जब आयी मुझ पे विपदा बंधन दुखों के ये खोले मेरे
हम दूध बेल पत्थर से अभिषेक कराएँगे
काँधे पर लेकर कावर हम शिव शम्भू को जल चढ़ाएंगे
देवघर की महिमा निराली बड़ी भक्तों की हर दम कतारें कड़ी
बम बम के नारे गूंजे सदा सावन की रिमझिम बरसे झड़ी
रावणेश्वर बाबा को झूम झूम मनाएंगे
काँधे पर लेकर कावर हम शिव शम्भू को जल चढ़ाएंगे
बाबा के धाम में जो भी गया शिव दानी करते हैं उनपे दया
नीलकांत आकाश पे हुई है मेहर शिवजी के चरणों में ये खो गया
जो हार गया इस जग से उसे विजय दिलाएंगे
काँधे पर लेकर कावर हम शिव शम्भू को जल चढ़ाएंगे
Lord of Trilok will go to the door of Bhole
Carrying Kavar on the shoulder, we will offer water to Shiva Shambhu
Devadi is my god Shiva is my naive Mahadev.
Whenever the calamity came upon me, this bondage of sorrows opened my
we will anoint with milk bell stone
Carrying Kavar on the shoulder, we will offer water to Shiva Shambhu
The glory of Deoghar is very strong, the queues of big devotees are stiff.
Slogans of Bam Bam echoed, the drizzle of Sawan rained.
Ravneshwar will celebrate baba with jhoom jhoom
Carrying Kavar on the shoulder, we will offer water to Shiva Shambhu
Whoever goes to Baba’s Dham, Shiv donates mercy to them
Neelkant is on the sky, it is lost at the feet of Meher Shiva.
Whoever is defeated will give victory to him from this world.
Carrying Kavar on the shoulder, we will offer water to Shiva Shambhu