मेरा भोला बैठा गंगा जी के घाट,
तन पे बसम रमा बसम लगा हो बैठा बसम लगा,
मेरा भोला बैठा गंगा जी के घाट
मंद मंद मेरा भोला मुश्कावे,
मस्त मलंग होके अपनी धुन रहा डमरू बजा,
मेरा भोला बैठा गंगा जी के घाट
बैठा माथे लेके चंदा उजियारा,
हाथ में चिमटा भजा के जोगी रहा अलख जगा,
मेरा भोला बैठा गंगा जी के घाट
गंगा जी का पानी भोला को बड़ा भावे,
श्रद्धा हो पूरी जो भगत रहा लौटा गंगा जल का चढ़ा,
मेरा भोला बैठा गंगा जी के घाट
My naive sitting at the ghats of Ganga ji,
The body felt the basam, the rama basam, the sat basam,
My naive sitting at the ghats of Ganga ji
my innocent smile,
Mast Malang hoke your tune rha damru baja,
My naive sitting at the ghats of Ganga ji
Sitting with his forehead, Chanda Ujjaara,
Tongs in the hand kept the jogi awake,
My naive sitting at the ghats of Ganga ji
May the water of Ganga ji be of great interest to Bhola,
Be reverent, whoever remained Bhagat returned to the Ganges water,
My naive sitting at the ghats of Ganga ji