अरे मन ! अवसर बीत्यो जात ।

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🙏राधे राधे🙏

अरे मन ! अवसर बीत्यो जात ।

काल – कवल वश विधि हरि , हर सब , तोरी कहा बिसात ।

लहि पारस नर – तनु सुर – दुर्लभ , गुंजन हित भटकात |

बधिर अंध जिमि सुनत न देखत , रहत विषय मदमात ।

अब करिहौं , अब करिहौं ‘ , इमि कहि , रहि जैहौ पछितात ।

होत ‘ ब्रजवासी ‘ प्रलय पल महँ तू , केहि बल पर इतरात ॥

भावार्थ – अरे मन ! यह स्वर्ण अवसर बीता जा रहा है । तेरी तो गिनती ही क्या है ब्रह्मा , विष्णु , शंकर आदि सभी सीमित आयु वाले काल के ग्रास बन जाते हैं । पारस के समान देवताओं के लिए भी दुर्लभ मनुष्य शरीर को पाकर भी तू अज्ञानवश सांसारिक विषयरूपी घुंघची के बनावटी सौंदर्य पर मुग्ध हो रहा है । बहरे एवं अंधे के समान तू न तो सत्पुरुषों की बातें ही सुनता और न स्वयं ही संसार के मिथ्यापन को देखता है । विषयों में ही मतवाला हो रहा है ! ‘ अब इसके बाद करूँगा , अब इसके बाद करूँगा ‘ ऐसा बार – बार कहते हुए रह जायगा । अन्त में पछताना ही पल्ले पड़ेगा । ‘ ब्रजवासी ‘ कहते हैं कि एक क्षण में तो प्राण महाप्रयाण ( मृत्यु ) कर जाते हैं , तू बार – बार भविष्य के लिए क्यों छोड़ देता है । उस मृत्यु को रोकने के लिए तेरे पास शक्ति ही क्या है , जिस पर इतरा रहा है ?
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🙏 Radhe Radhe 🙏

Hey mind! The opportunity is gone.

Kaal-Kaval Vash Vidhi Hari, Har Sab, Tori where is the board.

Lahi paras nar – tanu sur – durlabh , gunjan hit bhatkat |

Deaf blind Jimi Sunat does not see, remains intoxicated.

Let us do it now, let us do it now.

Hot ‘ Brajvasi ‘ pralaya pal mahn tu, kehi bala par itarat ॥

Meaning – Hey mind! This golden opportunity is passing. What is your count? Brahma, Vishnu, Shankar etc. all become victims of limited age. Even after getting a human body rare even for gods like Paras, out of ignorance you are being fascinated by the artificial beauty of worldly objects. Like deaf and blind, you neither listen to the words of good men nor do you see the falsehood of the world yourself. Getting drunk in subjects only! ‘Now I will do it after this, now I will do it after this’ will keep saying this again and again. In the end, you will have to repent. ‘Brajvasi’ say that in a moment the life goes to Mahaprayan (death), why do you leave it again and again for the future. What power do you have to stop that death, on which you are boasting?

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