राम नाम दिल को छू जाए रूक रूक कर कार्य करते हुए रोते और हंसते हुए बाजारों में घुमते हुए राम राम राम श्री राम श्री राम अन्तर्मन मे झांक कर देखो नाम चल रहा है। नाम को लेना तो है ही नाम अपने आप चलता रहे नाम जप अपने आप चलता है तब हर किरया करते हुए नाम ध्वनि नाद के साथ बजती है
आनंद दो प्रकार का है एक बाहरी आनंद किसी के माध्यम से या ग्रथं कथा कीर्तन करते हुए प्राप्त हुआ आनंद यह कुछ समय का आनंद है ।दुसरा आनंद अन्तर्मन का आनंद है अन्तर्मन का आनंद मौन में है कुछ भी न करते हुए कथा कीर्तन भी न करते हुए ह्दय मे आनंद की लहर उठने लगे वह सम आनंद
राम में जग समाया हुआ। राम प्रेम है राम भक्ति साधना हैं राम सत्य त्याग समर्पण हमें सिखाते हैं राम आत्माराम है राम आनंद का बहता हुआ झरना है रामनाम के झरने को स्पर्श करते हैं वो भव पार हो जाते हैं जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम अनीता गर्ग
May the name of Ram touch the heart while working non-stop crying and laughing while roaming in the markets Ram Ram Ram Shri Ram Shri Ram Look into your inner heart and see the name is running. The name has to be taken, the name goes on automatically, the chanting of the name goes on automatically, then while doing every act, the name sounds with sound. Bliss is of two types, one is external bliss, one is bliss received through someone or by chanting scriptures, it is bliss for some time. The second bliss is inner bliss, inner bliss is in silence, doing nothing, not even chanting Waves of joy started rising in the heart, that same joy The world is merged in Ram. Ram is love, Ram is devotion, Ram is truth, sacrifice, dedication teaches us, Ram is soul, Ram is a flowing stream of bliss, touching the stream of Ram’s name, he transcends. Jai Shri Ram, Jai Shri Ram, Jai Shri Ram, Jai Shri Ram Shri Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Anita Garg