
प्रभु संकीर्तन 62
वृन्दावन के स्टेशन पर उतरते ही एक आंनद की सांस ली।चलो आखिर पहूंच ही गए। मैंने ट्रेन का धन्यवाद किया
वृन्दावन के स्टेशन पर उतरते ही एक आंनद की सांस ली।चलो आखिर पहूंच ही गए। मैंने ट्रेन का धन्यवाद किया
हरि शरणम् अनुशासित जीवन सदैव आदर्श जीवन भी होता है। माता – पिता के द्वारा डाँटा गया पुत्र, गुरु के
जय श्री राम हमे देखना यहीं है हम दिन भर में प्रभु मे कितने खोते हैं। प्रभु प्रेम में खोने
हरे कृष्ण सुख का अर्थ केवल कुछ पा लेना नहीं है, अपितु जो है, उस में संतोष कर लेना भी
चिंतन करो, कृष्ण का।चिंतन करो, आत्मा का परमात्मा से मिलन का चिंतन करो अपने को कर्त्ता न मानने का ।सब
.जैसे खाना खाने के बाद उसका डाइजेस्ट होना जरूरी है, वैसे ही सुखभरी जिंदगी जीने के लिए सबके बीच एडजस्ट
आज सभी बहुत पढते है एक से एक भाव दिल को छुने वाले होते हैं देखना हमे है कि हम
सांवरे जिस दिल में बैठ जाता है वे नैन फिर नीर नहीं बहाते हैं वे नैन नीर बहाएगे फिर इस
सत्संग का अर्थ संतो का संग है लेकिन हर समय संत नहीं मिलते है हमे अपने आप प्रभु प्राण नाथ
तुम मुझ में। नूर भर कर जाते हो। मैं समझ नहीं पाती हूं यह तेरी लीला अद्भुत है यह नूर