सभी महान गुरुजन बताते हैं, कि इस शरीर के भीतर अमर आत्मा है। उस ईश्वर की एक चिंगारी जो सब का पोषण करती है।। जो अपनी आत्मा को जान लेता है, वह इस सत्य को जानता है, मैं प्रत्येक सीमित वस्तु के परे हूँ। मैं अब देखता हूँ, कि नित्य नवीन आनंद स्वरूप परब्रह्म, जो अन्तरिक्ष में अकेले थे, उन्होंने ने ही इस विशाल स्वरूप में स्वयं को प्रकट किया है।। मैं नक्षत्र हूँ, मैं तरंगे हूँ, मैं ही सब का जीवन हूँ, मैं सभी हृदयों का उल्लेख हूँ, मै पुष्पों के मुखड़ो की और प्रत्येक आत्मा की मुस्कुराहट हूँ। मैं वही.प्रज्ञा और शक्ति हूँ,जोसमस्त सृष्टि का पोषण करती है।। यह सब सत्य है। आप सब भी ध्यान साधना के द्वारा अनुभव कर सकते है, शर्त यही है।। कि किसी योग्य सद्गुरु से ध्यान की सही विधि की दीक्षा लेकर साधना की जाय,,,,हरि ॐ !!
All the great gurus tell that there is an immortal soul within this body. A spark of that God who nourishes all. He who knows his soul, knows this truth, I am beyond everything limited. I now see that the eternal new form of bliss, Parabrahma, who was alone in space, has manifested himself in this vast form. I am the constellation, I am the waves, I am the life of all, I am the mention of all hearts, I am the face of flowers and the smile of every soul. I am the same intellect and power, which nourishes the entire creation. This is all true. All of you can also experience through meditation, the condition is this. That sadhna should be done by taking initiation from a qualified Sadguru to the right method of meditation, Hari Om !!