गुरू बैठा शिष्य की आस में जो ज्ञान को आगे तक पहुंचाएं
सतगुरु अपने शिष्य को संसार रूपी भवरोग से मुक्त करता हैजो असत्य से सत्य की ओर ले जाएंजो मृत्यु
सतगुरु अपने शिष्य को संसार रूपी भवरोग से मुक्त करता हैजो असत्य से सत्य की ओर ले जाएंजो मृत्यु
त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव । त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥
गुरु या सद्गुरु यह विषय खोजने का विषय ही नहीं है !!!गुरु खोजे नही जाते , न ही गुरु ढूंढना
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ उठो गुरु प्यारो नाम जपने का समय हो गया हैअमृत नाम महा रस मीठा जिसने पिया उसने सचखण्ड पाया।
एक समर्थ गुरु अपने अंतकरण से शिष्य के अंतकरण में अपनी सारी शक्तियां उतार देते हैं, और समय के साथ
आज का प्रभु संकीर्तनजीवन मे मनुष्य बहुत कुछ जानने और सीखने का प्रयत्न करता है।सीखना और जानना एक कला है।जो
श्री गुरुगीता प्रास्ताविक भगवान शंकर और देवी पार्वती के संवाद में प्रकट हुई यह ‘श्रीगुरुगीता’ समग्र ‘स्कन्दपुराण’ का निष्कर्ष है।
सभी देशवासियों कोपावन गुरुपूर्णिमा पर्वकी हार्दिक शुभकामनाएं.! अनंतसंसार समुद्रतार नौका-यिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम्।वैराग्यसाम्राज्यदपूजनाभ्यांनमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम्।। कवित्ववाराशिनिशाकराभ्यांदौर्भाग्यदावां बुदमालिकाभ्याम्।दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यांनमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम्।। नता ययोः
नित्य प्रातः स्मरणीय परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 अन्नदाता जी महाराज बंगलाधाम,घठवाडी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम…..गुरु पूर्णिमा
एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान