श्री बांके बिहारी जी के दर्शन कर स्वयं क्यों बहते हैं आंखों से आंसू।

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बांके बिहारी के दर्शन करें तो आंखें बंद करने के बजाय उनसे नजरें मिलाएं, तब सफल होंगे दर्शन, जानिए क्यों?
मथुरा भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का एकाकार रूप है बांके बिहारी। वृंदावन में बांके बिहारी का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां बांके बिहारी की एक झलक पाने के लिए देश विदेश से रोजाना हजारों लोग आते हैं। दर्शन के दौरान अधिकतर भक्त आंखें बंद कर भगवान का ध्यान करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि बांके बिहारी जाकर ऐसी भूल मत कीजिएगा, नहीं तो आपका यहां आना व्यर्थ हो जाएगा। आइए आपको बताते हैं हम ऐसा क्यों कह रहे हैं।
इसलिए मिलाएं बांके बिहारी से नजरें
कम लोग ही जानते हैं( जो लोग जानते हैं कृपया राधे राधे नाम की हाजरी जरुर लगाएं )कि बांके बिहारी की मूर्ति बनाई नहीं गई थी बल्कि ये स्वामी हरिदास के अनुरोध पर प्रकट हुई थी ताकि अन्य लोग भी इसके दर्शन कर भगवान के साक्षात दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले सकें। भगवान कृष्ण और माता राधा प्रेम के अधीन हैं जो भी इन्हें प्रेम करता है या इनकी इस मूर्ति की आंखों में आंखें डालकर प्रेम पूर्वक निहारता है, भगवान उस भक्त पर कृपा करने से खुदको नहीं रोक पाते। इसको एक नजर देखने के पीछे एक कथा भी प्रचलित है।
ये है कथा
कहा जाता है कि एक बार राजस्थान के एक राजा बांके बिहारी के दर्शन करने वृंदावन आए और वे भगवान बांके बिहारी की नजरों से नजरें मिलाकर उन्हें एक टक देखते रहे। इसके बाद राजा अपने राज्य वापस चले गए। कुछ देर बाद मंदिर के सेवायतों ने मंदिर में आकर देखा तो वहां भगवान मौजूद नहीं थे। इस घटना से मंदिर के पुजारियों में हड़कंप मच गया। भगवान की स्तुति की गई तो पता चला कि भगवान वहां से अपने भक्त के प्रेम के अधीन होकर वहां से उनके साथ ही चले गए हैं।
काफी प्रार्थना के बाद भगवान को मंदिर में फिर से स्थापित किया गया। तब से लेकर आज तक यहां किसी को भी भगवान को एकटक देखने की इजाजत नहीं दी जाती है। सेवायत पुजारी इस बात का विशेष खयाल रखते हैं कि कोई भी भक्त इन्हें लगातार न देख सके। इसके लिए मूर्ति के सामने थोड़ी—थोड़ी देर में पर्दा डाला जाता है।
दर्शन कर स्वयं बहते हैं आंखों से आंसू
इस मंदिर में बांके बिहारी के दर्शन के लिए आए भक्तों का कहना है कि जब भक्त उनके दर्शन करते हैं तो स्वयं उनके रंग में रंग जाते हैं। उनकी आंखें नम होने लगती हैं, जिसका कारण उन्हें खुद भी पता नहीं होता। उसके बाद यहां बस जाने का या बार बार आने का मन करता है। यहां आए भक्तों को कभी निराशा हाथ नहीं लगती, बांके बिहारी सबकी कामना पूरी करते हैं



If you see Banke Bihari, instead of closing your eyes, make eye contact with him, then the darshan will be successful, know why? Mathura Banke Bihari is the united form of Lord Krishna and Radharani. There is a famous temple of Banke Bihari in Vrindavan. To get a glimpse of Banke Bihari here, thousands of people come daily from the country and abroad. Most of the devotees close their eyes and meditate on God during darshan, but let us tell you that don’t make such a mistake by going to Banke Bihari, otherwise your coming here will be in vain. Let us tell you why we are saying this. That’s why keep your eyes on Banke Bihari Very few people know (those who know please mark Radhe Radhe) that the idol of Banke Bihari was not made but it appeared on the request of Swami Haridas so that other people can also visit it and see God in person. Take his blessings. Lord Krishna and Mother Radha are under love, whoever loves them or looks lovingly into the eyes of this idol of theirs, God cannot stop himself from showering blessings on that devotee. A story is also prevalent behind seeing it at a glance. this is the story It is said that once a king of Rajasthan came to Vrindavan to visit Banke Bihari and he kept looking at Lord Banke Bihari for a long time. After this the king went back to his kingdom. After some time the servants of the temple came to the temple and saw that God was not present there. This incident created a stir among the priests of the temple. When God was praised, it came to know that God has gone from there with his devotee under the love of his devotee. After much prayer the deity was reinstated in the temple. Since then till today no one is allowed to see the Lord alone here. Sevayat priests take special care that no devotee can see them continuously. For this, a curtain is put in front of the idol after a while. Tears flow from the eyes on seeing Devotees who come to visit Banke Bihari in this temple say that when devotees visit him, they themselves get colored in his colour. His eyes start getting moist, the reason for which he himself does not know. After that one feels like settling here or coming again and again. The devotees who come here never feel disappointed, Banke Bihari fulfills everyone’s wishes.

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