आप किसी भी तरह परमात्मा का चिन्तन करे। मन न लगे तो परमात्मा का नाम माला लेकर करे। भजन कीर्तन स्तुति करे। काम करते हुए चलते हुए उठते-बैठते परमात्मा के नाम की लौ लगाए। नाम याद न रहे फिर नाम को पकङे नाम को छुटने न दें कोई परमात्मा की विनती करे। ऐसे दिन रात करते हुए हमें 10 वर्ष के बाद पता चलेगा हम क्या थे और अब हम क्या बन गये हैं। हमारे अन्दर प्रेम विस्वास और शान्ति समा जाएंगी । हम हर स्थान पर बैठे हुए काम करते हुए अन्दर से नृत्य कर रहे हैं। दिल ही दिल में परम प्रभु से प्रार्थना करते हैं। हम हाथ न जोड़े हुए भी निर्गुण निराकार के सामने चारों दिशाओं में अपने स्वामी भगवान् नाथ के सामने हाथ जोड़कर नतमस्तक वन्दना कर रहे हैं।परमात्मा हमारे राम कृष्ण हरि और मुरारी है ।जय श्री राम
अनीता गर्ग
You should think of God in any way. If you do not feel like it, then chant the name of God with a rosary. Praise bhajan kirtan. While doing work, while getting up and sitting, light the flame of God’s name. If you don’t remember the name, then don’t let the name go away when you hold on to the name, someone should pray to God. Doing this day and night we will know after 10 years what we were and what we have become now. Love, faith and peace will be absorbed in us. We are dancing from inside while working sitting everywhere. In the heart, pray to the Supreme Lord. We are bowing our hands in front of the Nirguna formless in all four directions with folded hands. God is our Rama, Krishna, Hari and Murari.
Anita Garg