सत्य का दिपक
हम अपने घर को जीतेजी खुब चमका कर रखे। हमारे घर के कोने कोने में एक चमक हो हमारा घर
हम अपने घर को जीतेजी खुब चमका कर रखे। हमारे घर के कोने कोने में एक चमक हो हमारा घर
. रामानुज एक गांव में ठहरे थे। एक आदमी उनके पास आ गया और कहने लगा कि मुझे प्रभु से
एक दिन एक भक्त के पेट में दर्द हो जाता है दर्द दो तीन दिन रहता है भक्त सोचता है
मैं वह भारत हूँ जिसने पिछले पाँच हजार वर्ष में कभी अपने किसी बेटे का नाम दु:शासन नहीं रखा क्योंकि
भगवान को याद करते हुए यह सोच सकते हैं। कि आज मेरे स्वामी भगवान् नाथ देखो मुस्करा रहे हैं। भगवान
एक दिन एक भक्त के पेट में दर्द हो जाता है दर्द दो तीन दिन रहता है भक्त सोचता है
।। ब्रह्मा विष्णु महेश अर्थात ये तीनों एक ही शक्ति हैं। परब्रह्म ने स्वंय को तीन भागों में इसलिए बांटा
मैं सर्वव्यापिक निराकार अनंत अकथनीय अद्धितीय अतुलनीय अवर्णनीय अभूतपूर्व अनुपम हूँमैं वात्सल्य में हूँ भातृत्व में हूँ भक्ति में हूँ
जब प्रीति होगी तब हर क्षण भगवान के भाव मे रहेंगे। कुछ भी कार्य करते हुए भगवान भाव में
‘हे भारत ! तू सर्वभाव से उस परमात्मा की शरण जा, उसकी कृपा से तू परम शान्ति को, अविनाशी स्थान