हृदय में सीताराम जी

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बाहरी आंखें बन्द करलो अन्दर उजाला ही उजाला है दीपक अग्नि घी और बाती से जलाए जाते हैं
अन्दर झांक कर देखो हजारों दिपक जल रहे हैं?
अन्दर उजाला ही उजाला है।
हृदय में सीताराम  विराजमान हैं।

हृदय अयोध्या धाम बना है
लक्ष्मण चैवर डुलावत है।


हनुमान चरण वन्दना कर रहे हैं
अन्दर उजाला ही उजाला है।
माता पार्वती आरती कर रही है
भोले बाबा दर्शन करने आए हैं
दशो इन्द्रिया दासी बनी है। आत्मा दर्शन पा रही है।
नारद जी वीणा बजा रहे हैं। गुरुदेव यज्ञ करवा रहे हैं।
काम क्रोध लोभ मोह यज्ञ मण्डप में ध्वस हुए हैं।
प्रेम की सरीता उमङी है।
ऋषि मुनि दर्शन पावत है
अन्दर उजाला ही उजाला है।
56 प्रकार का भोजन बना है। ब्रह्मा जी भोग लगावत है।
पुरण जगत तृप्त हुआ है
अन्तर्मन की आंखों में देखने पर हमे एक अनुपम आनंद की अनुभूति होगी। वह अनुभुति हमें बाहरी जग में मिल नहीं सकती हैं। जय श्री राम
अनीता गर्ग

Close the outer eyes, the light inside is the light, the lamps are lit by fire, ghee and wick.
Look inside and see thousands of lamps are burning?
The light inside is the light.
Sitaram is seated in the heart.
Lakshman Chaivar is dulawat.
Hanuman is worshiping the feet
The light inside is the light.
Mother Parvati is doing aarti
Bhole Baba has come to visit
Dasho’s senses have become maidservants. The soul is getting vision.
Narad ji is playing the Veena. Gurudev is performing the Yagya.
The lust, anger, greed, attachment, and sacrifice have been destroyed in the mandap.
The beauty of love has risen.
sage muni darshan pawat
The light inside is the light.
56 types of food are prepared. Brahma ji is in love with enjoyment.
Puran world is satisfied
When we look into the eyes of the inner soul, we will feel a unique joy. We cannot get that feeling in the outside world. Long live Rama
Anita Garg

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