श्री हरि भगवान विष्णु नारायण जी!!

हिन्दू धर्म के अनुसार विष्णु ‘परमेश्वर’ के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं। संपूर्ण विश्व श्रीविष्णु की शक्ति से ही संचालित है। वे निर्गुण, निराकार तथा सगुण साकार सभी रूपों में व्याप्त हैं।ईश्वर के ताप के बाद जब जल की उत्पत्ति हुई तो सर्वप्रथम भगवान विष्णु का सगुण रूप प्रकट हुआ। विष्णु की सहचारिणी लक्ष्मी है। विष्णु की नाभी से ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई। आदित्य वर्ग के देवताओं में विष्णु श्रेष्ठ हैं।

विष्णु जी का अर्थविष्णु के दो अर्थ है- पहला विश्व का अणु और दूसरा जो विश्व के कण-कण में व्याप्त है।_

विष्णु जी की लीला : भगवान विष्णु के वैसे तो 24 अवतार है किंतु मुख्यत: 10 अवतार को मान्यता है। विष्णु ने मधु केटभ का वध किया था। सागर मंथन के दौरान उन्होंने ही मोहिनी का रूप धरा था। विष्णु द्वारा असुरेन्द्र जालन्धर की स्त्री वृन्दा का सतीत्व अपहरण किया गया था।

विष्णु जी का स्वरूप : क्षीर सागर में शेषनाग पर विराजमान भगवान विष्णु अपने चारहाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किए होते हैं।उनके शंख को ‘पाञ्चजन्य’ कहा जाता है। चक्र को ‘सुदर्शन’, गदा को ‘कौमोदकी’ और मणि को ‘कौस्तुभ’ कहते हैं। किरीट, कुण्डलों से विभूषित, वनमाला तथा कौस्तुभमणि को धारण करने वाले, कमल नेत्र वाले भगवान श्रीविष्णु देवी लक्ष्मी के साथ निवास करते हैं।

विष्णु जी के मंत्र: पहला मंत्र-ॐ नमो नारायण।श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। दूसरा मंत्र- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।*_

विष्णु जी का निवास : क्षीर सागर में। विष्णु पुराण के अनुसार यह पृथ्वी सात द्वीपों में बंटी हुई है- जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप, शाल्मलद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप और पुष्करद्वीप। ये सातों द्वीप चारों ओर से सात समुद्रों से घिरे हैं। ये सभी द्वीप एक के बाद एक दूसरे को घेरे हुए बने हैं, और इन्हें घेरे हुए सातों समुद्र हैं। दुग्ध का सागर या क्षीर सागर शाकद्वीप को घेरे हुए है। इस सागर को पुष्करद्वीप घेरे हुए है।

भगवान विष्णु जी के नाम : भगवान श्रीविष्णु ही नारायण कहे जाते हैं। वे ही श्रीहरि, गरुड़ध्वज, पीताम्बर, विष्वक्सेन, जनार्दन, उपेन्द्र, इन्द्रावरज, चक्रपाणि, चतुर्भुज, लक्ष्मीकांत, पद्मनाभ, मधुरिपु, त्रिविक्रम,शौरि, श्रीपति, पुरुषोत्तम, विश्वम्भर, कैटभजित, विधु, केशव, शालीग्राम आदि नामों से भी जाना जाता है।

विष्णु जी के अवतार: शास्त्रों में विष्णु के 24 अवतार बताए हैं, लेकिन प्रमुख दस अवतार माने जाते हैं- मतस्य, कच्छप, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बु‍द्ध और कल्कि।24 अवतारों का क्रम निम्न है-1.आदि परषु, 2.चार सनतकुमार, 3.वराह, 4.नारद,5.नर-नारायण, 6.कपिल, 7दत्तात्रेय, 8.याज्ञ, 9.ऋषभ, 10.पृथु, 11.मतस्य, 12.कच्छप, 13.धनवंतरी, 14.मोहिनी, 15.नृसिंह, 16.हयग्रीव, 17.वामन, 18.परशुराम, 19.व्यास, 20.राम, 21.बलराम, 22.कृष्ण, 23.बुद्ध और 24.कल्कि।

वैष्णव संप्रदाय के उप संप्रदाय : वैष्णव के बहुत से उप संप्रदाय हैजैसे बैरागी, दास, रामानंद, वल्लभ, निम्बार्क, माध्व, राधावल्लभ, सखी, गौड़ीय आदि। वैष्णव का मूलरूप आदित्य (वेदों के जन्मदाता चार ईशदूतों में से एक) की आराधना में मिलता है। भगवान विष्णु का वर्णन भी वेदों में मिलता है। पुराणों में विष्णु पुराण प्रमुख से प्रसिद्ध है। विष्णु का निवास समुद्र के भीतर माना गया है।

वैष्णव ग्रंथ: ऋग्वेद में वैष्णव विचारधारा का उल्लेख मिलता है। ईश्वर संहिता, पाद्मतन्त, विष्णुसंहिता, शतपथ ब्राह्मण, ऐतरेय ब्राह्मण, महाभारत, रामायण, विष्णु पुराण आदि।
वैष्णव तीर्थ: बद्रीधाम, मथुरा, अयोध्या, तिरुपति बालाजी, श्रीनाथ, द्वारकाधीश।
वैष्णव संस्कार :
1.वैष्णव मंदिर में विष्णु, राम और कृष्ण की मूर्तियाँ होती हैं। एकेश्‍वरवाद के प्रति कट्टर नहीं है।
2.इसके संन्यासी सिर मुंडाकर चोटी रखते हैं।
3.इसके अनुयायी दशाकर्म के दौरान सिर मुंडाते वक्त चोटी रखते हैं।
4.ये सभी अनुष्ठान दिन में करते हैं।,
5.यह सात्विक मंत्रों को महत्व देते हैं।,
6.जनेऊ धारण कर पितांबरी वस्त्र पहनते हैं और हाथ में कमंडल तथा दंडी रखते हैं।
7.वैष्णव सूर्य पर आधारित व्रत उपवास करते हैं।, 8.वैष्णवों में दाह संस्कार की रीति हैं। यह चंदन का तीलक खड़ा लगाते हैं।वैष्णव साधु-संत : वैष्णव साधुओं को आचार्य, संत, स्वामी आदि कहा जाता है



According to Hindu religion, Vishnu is one of the three main forms of ‘Parameshwar’. Lord Vishnu is the maintainer of the universe. The whole world is governed by the power of Sri Vishnu. He is pervaded in all forms of nirgun, formless and sagun corporeal. When water originated after the heat of God, first of all the sagun form of Lord Vishnu appeared. Lakshmi is the consort of Vishnu. Brahma originated from the navel of Vishnu. Vishnu is the best among the deities of the Aditya class.

Meaning of Vishnu ji- Vishnu has two meanings- first is the molecule of the world and second is the one who pervades every particle of the world._

Leela of Vishnu ji: Although there are 24 incarnations of Lord Vishnu, but mainly 10 incarnations are recognized. Vishnu killed Madhu Ketabh. It was he who took the form of Mohini during the churning of the ocean. The chastity of Vrinda, the wife of Asurendra Jalandhar was abducted by Vishnu.

Appearance of Vishnu ji: Lord Vishnu sitting on Sheshnag in Ksheer Sagar holds conch, chakra, mace and lotus in his four hands. His conch is called ‘Panchjanya’. Chakra is called ‘Sudarshan’, Gada is called ‘Kaumodaki’ and Mani is called ‘Kaustubh’. Adorned with kirit, coils, wearing Vanmala and Kaustubhamani, Lord Vishnu with lotus eyes resides with Goddess Lakshmi.

Mantras of Vishnu: The first mantra-Om Namo Narayana.Sri Man Narayana Narayana Hari Hari. Second mantra: Om Bhurida Bhuri Dehino, Ma Dabhram Bhurya Bhar. Bhuri ghedindra ditsasi. O Bhurida, you are heard by the Purutras, the brave Vritrahan. Come and worship us, O Radhasi.*_

Abode of Lord Vishnu: In Ksheer Sagar. According to the Vishnu Purana, this earth is divided into seven islands – Jambudweep, Plakshadweep, Shamaldweep, Kushadweep, Kraunchadweep, Shakadweep and Pushkardweep. These seven islands are surrounded by seven seas from all sides. All these islands are surrounded one after the other, and there are seven oceans surrounding them. The ocean of milk or Ksheer Sagar surrounds Shakdweep. Pushkardweep surrounds this ocean.

Names of Lord Vishnu: Lord Vishnu is called Narayana. He is also known as Srihari, Garuddhvaja, Pitambar, Vishvaksena, Janardana, Upendra, Indravaraj, Chakrapani, Chaturbhuja, Lakshmikanth, Padmanabha, Madhuripu, Trivikrama, Shauri, Sripati, Purushottam, Vishvambhar, Kaitabhajit, Vidhu, Keshav, Shaligram and other names .

Incarnations of Vishnu: The scriptures mention 24 incarnations of Vishnu, but the major ten incarnations are considered to be Matsya, Kachchapa, Varaha, Nrishimha, Vamana, Parashurama, Rama, Krishna, Buddha and Kalki .Adi Parashu, 2.Char Sanatkumara, 3.Varaha, 4.Narada,5.Nara-Narayana, 6.Kapila, 7Dattatreya, 8.Yajna, 9.Rishabha, 10.Prithu, 11.Matasya, 12.Kacchapa, .Dhanvantari, 14.Mohini, 15.Nrishimha, 16.Hayagriva, 17.Vamana, 18.Parashuram, 19.Vyasa, 20.Rama, 21.Balram, 22.Krishna, 23.Buddha and 24.Kalki.

Sub-sects of Vaishnava sect: There are many sub-sects of Vaishnava- like Bairagi, Das, Ramanand, Vallabh, Nimbark, Madhva, Radhavallabh, Sakhi, Gaudiya etc. The core of Vaishnavism is found in the worship of Aditya (one of the four presiding deities of the Vedas). The description of Lord Vishnu is also found in the Vedas. Vishnu Purana is famous among the Puranas. The abode of Vishnu is believed to be inside the sea.

Vaishnava texts: The Rig Veda mentions the Vaishnava ideology. Ishwar Samhita, Padmatanta, Vishnu Samhita, Shatapatha Brahmana, Aitareya Brahmana, Mahabharata, Ramayana, Vishnu Purana etc. Vaishnava pilgrimages: Badridham, Mathura, Ayodhya, Tirupati Balaji, Srinath, Dwarkadhis. Vaishnava rituals: 1. Vaishnava temples have idols of Vishnu, Rama and Krishna. is not fanatical about monotheism. 2.Its hermits shave their heads and keep their peaks. 3.Its followers wear peaks while shaving their heads during dashakarma. 4. All these rituals are performed during the day., 5.They give importance to sattvic mantras., 6. He wears janou and wears pitambari clothes and holds a mandala and a staff in his hand. 7. Vaishnavas observe fasts based on the sun., 8. Vaishnavas have rituals of cremation. Vaishnava sadhu-sants: Vaishnava sadhu are called Acharya, Sant, Swami etc.

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