हे दुःख हारी दीं दयाल दिन दिन समय बदल रहा चाल,
आके देख तो हाल मुरली वाले नन्द लाल,
हे दुःख हारी दीं दयाल
इस दुनिया में भले आदमी खाते फिरते ढके,
ऐशो इशरत मुज उड़ाते डाकू चोर चके,
लेते लूट पराया माल दुखी है वेचारा कंगाल,
आके देख तो हाल मुरली वाले नन्द लाल,
रामायण गीता गुरु वाणी कोई कोई पड़े विचारे,
छोटे छोटे बच्चे भी है गाते फ़िल्मी गाने,
जिनकी उम्र नहीं दस साल फिरते मुँह में सिगरेट डाल,
आके देख तो हाल मुरली वाले नन्द लाल,
रोज सिनमा वे पर देखो तो भीड़ लगी रहे भरी,
गुरु द्वारे एक ग्रंथी बैठा मंदिर एक पुजारी,
भजाये नित शंख गदयाल,
पर कोई न उधर ख्याल,
आके देख तो हाल मुरली वाले नन्द लाल,
ढोल रही है फिर से ढ़ग मग इस भारत की नैया,
देर न कर अब जल्दी आजा प्यारे कृष्ण कन्हियाँ,
नहीं तो तेरे दर पे लाल तभी कर देगा भूख हड़ताल,
आके देख तो हाल मुरली वाले नन्द लाल,
O sad lost heart, Day is changing day by day,
When you come and see, Nand Lal, who is a murli,
oh sad lost diyal
In this world good men are covered while eating,
Aisho Ishrat muj uttein dacoit thief chake,
Taking plundered foreign goods is sad,
When you come and see, Nand Lal, who is a murli,
Ramayana Gita Guru Vani No one thinks,
Even small children are singing film songs,
Whose age is not ten years, put a cigarette in his mouth,
When you come and see, Nand Lal, who is a murli,
If you look at the Sinma Way every day, it is crowded.
A temple priest seated by a granthi by the guru,
Bhagya Nit Shankh Gadayal,
But nobody cares there,
When you come and see, Nand Lal, who is a murli,
The drum is being played again, the boat of this India,
Don’t delay, come early, dear Krishna girls,
Otherwise, only red will do hunger strike at your rate,
When you come and see, Nand Lal, who is a murli,