सुनों सुनों री सुनों सखी, मैं चली वृंदावन धाम ,
यमुना जल स्नान करुगी कुंजों में विश्राम ,
हरी निकुंज में भजन करूंगी, सिमरन आठों याम ,
‘मधुप’ सखी भक्ति मांगूंगी, और ठाकुर से वरदान ,
मेरे रमण बिहारी ने बुलाया, बृजराज का संदेश है आया,
चली मैं वृंदावन को चली, चली मैं वृंदावन को चली ..
मोर मुकुट पीतांबर धारी, मुरलीधर मेरो रमण बिहारी,
बार-बार मेरे सपनों में आया, बृजराज का संदेश है आया,
चली वृंदावन को चली ..
बावरी होई कमली होई, प्रेम दीवानी पगली होई,
श्याम बिरहा बड़ा सताया, बृजराज का संदेश है आया,
चली मैं वृंदावन को चली ..
मुंह मेरे की बात ना टोको, जग वालों मेरा राह ना रोको,
श्याम सांवरा मेरे मन भाया, बृजराज का संदेश है आया,
चली वृंदावन को चली ..
‘मधुप’ यही मन की अभिलाषा, केवल हरी दर्शन की आशा,
मेरा जग से जी भर आया, बृजराज का संदेश है आया,
चली मैं वृंदावन को चली .. चली वृंदावन को चली ..
Listen, listen, listen, friend, I went to Vrindavan Dham,
Will take bath in Yamuna water, rest in the pools,
I will do bhajans in green Nikunj, Simran eight yams,
‘Madhupa’ Sakhi will ask for devotion, and a boon from Thakur,
My Raman Bihari called, Brijraj’s message has come,
Walked I went to Vrindavan, walked I went to Vrindavan..
Peacock Mukut Pitambar Dhari, Murlidhar Mero Raman Bihari,
Repeatedly came in my dreams, Brijraj’s message has come,
Went to Vrindavan..
Bawri hoi kamli hoi, love deewani pagli hoi,
Shyam Birha suffered a lot, Brijraj’s message has come,
I went to Vrindavan..
Mouth do not talk about me, people of the world do not stop my path,
Shyam Sawra is my heart, Brijraj’s message has come,
Went to Vrindavan..
‘Madhupa’ this is the desire of the mind, only the hope of seeing green,
My world has come full of life, Brijraj’s message has come,
Walked I walked to Vrindavan.. Walked to Vrindavan..