आरे चल रे कवाडिया तू कावड़ उठाये के
कावड उठाइ के ठुमका लगाई के
भोले के गीत पर डी जे की बीट पर,
ऐसा मचा दे हुडधंग,
चड़ा कर शिव भोले की भंग
काँधे पे जिसके हो गंगा का पानी
शंकर के भगतो की ये है निशानी
बम भोले बम भोले का जाप करते
लाते ये कावड डाक और तूफानी
चलते चले है याहा रुके है,
वही जमा ते ऐसा रंग
चड़ा कर शिव भोले की भंग
भोले बाबा के भजन गा रहे है
अपनी ही धुन में चले जा रहे है
पावो के छालो को दे कर के चकमा
शिव के सहारे बड़े जा रहे है
ना ही ये थक ते हिमत है रखते
दिल में जगा के ये उमंग
चड़ा कर शिव भोले की भंग
शरदा से जो भी ये कावड उठाये
भोले के भगतो की गिनती में आये,
जो भाव केवल के मन में आये
गा कर वही सोनू राना सुनाये
जब ये बजेगा जो भी सुनेगा मस्ती में होगा वो मलंग
चड़ा कर शिव भोले की भंग
Aare Chal Re Kavadiya Tu Kavad Uthaye Ke
Kavad Uthaye Ke Thumka Laga Ke
On the beat of DJ on the song of Bhole,
Make such a fuss,
Shiva’s Bhole by breaking
Whose shoulder is the water of the Ganges
This is the sign of the devotees of Shankar
Bam Bhole chanting Bam Bhole
Bringing this kavad dak and stormy
Let’s go on, Yaha have stopped,
the same color
Shiva’s Bhole by breaking
Singing Bhajans of Bhole Baba
going to his own tune
Dodge by giving Pavo’s blisters
Growing up with the help of Shiva
Nor do they dare to be tired
Waking up in the heart this zeal
Shiva’s Bhole by breaking
Whoever takes this kavad from Sharda
Come in the count of the innocent people,
The feelings that come to mind only
Sing the same Sonu Rana recite
Whoever listens to it will be in fun when it rings
Shiva’s Bhole by breaking