दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
हर घर घर नारानी गूंजे बस नाम तेरे ,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
इनका गुण गान करे महिमा का बखान करे,
इस झुंझुनू वाले के चरणों में नमन करे,
महिमा इनकी भारी ये समज ले तू प्यारे,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
ये दुर्गा ये काली लक्ष्मी ये भरमहानी,
इनके है रूप अनेक यही झुंझुनू वाली,
शक्ति की सवरूपा ये हाथो में त्रिशूल धरे,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
ना जान स्का कोई न वेद समज पाए,
सब देवो ने इनकी महिमा के यश गाये,
सुरभी कहे मंगल को मिल भाव से गाये,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
Let us make a vow by joining Grandmother’s Mars,
Har Ghar Ghar Narani Gunge Bas Naam Tere,
Let us make a vow by joining Grandmother’s Mars,
Sing their praises, sing their glory,
bow at the feet of this Jhunjhunu person,
The glory is heavy, understand that you are dear,
Let us make a vow by joining Grandmother’s Mars,
This Durga, this Kali Lakshmi, this Bharmhani,
They have many forms, the same Jhunjhunu,
The embodiment of power, he held a trident in his hands,
Let us make a vow by joining Grandmother’s Mars,
Neither know nor understand the Vedas,
All the gods sang the glory of his glory,
Says Surbhi, sings to Mars with a feeling of happiness,
Let us make a vow by joining Grandmother’s Mars,