हदय में बैठे राम को निहारती

भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह  मेरे जीवन का सत्य है
हनुमान जी के ह्दय में राम बैठे हैं

हदय में बैठे राम को निहारती
राम को शीश नवाती राम राम राम राम
फिर निहारती फिर देखती

सुबह शाम नहीं नहीं पल पल निहारती
हनुमान जी के ह्दय में राम बैठे हैं

हदय में बैठे राम को निहारती
दिल कहता राम, तुम कब दर्शन दोगे
रात दिन प्राण पुकारता प्रभु राम को,
कब ऐसी घङी आयेगी,
प्रभु राम के दर्शन कर पाऊंगी
हनुमान जी के ह्दय में राम बैठे हैं

हदय में बैठे राम को निहारती
प्राण पुकारता है भगवान राम को

क्या नेत्रो से देख पाऊंगी
भगवान राम को निहारते निहारते घर की सफाई करती
तब मन कहता यह अयोध्या धाम है
मै भगवान राम के महल की

सफाई कर रही हूं ।
पोचा लगाते लगाते राम लिख देती

हृदय में राम को बिठा लेती
कमल का पुष्प बनाती
पुष्प में राम सजाती
हनुमान जी के ह्दय में राम बैठे हैं

हदय में बैठे राम को निहारती
धरती पर पुष्प बनाती

धरती माता पर राम लिख देती।
प्रत्येक कार्य में राम की खोज कर लेती
हाथ पर राम लिखती।
बच्चों को पढाती किताब पर राम
आत्मा ने पुकारा, भगवान राम को,

हृदय में विराजमान कर ले,
हनुमान जी के ह्दय में राम बैठे हैं

हदय में बैठे राम को निहारती
नैनो में राम, दिल की धड़कन में राम

सांस सांस में राम की झंकार है ,
कान में राम, प्राण मे राम,
ध्वनि में राम,शांति मे राम, राम प्रेम हो,
राम की पुजा है राम की प्रार्थना है ,
राम अराध्य और अराधना हो,
राम आत्मा राम है।

राम निर्गुण निराकार हैं
सत्य मे है राम । ध्यान में है राम।

भक्त भगवान राम का चिन्तन करते हुए भगवान राम को ऐसे निहारता है

हनुमान जी के ह्दय में राम बैठे हैं

हदय में बैठे राम को निहारती
जय श्री राम अनीता गर्ग

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *