हे शिवशंकर नटराजा,
मैं तो जनम जनम का दास तेरा ।
निसदिन करता मैं नाम जपन तेरा,
शिव शिव शिव शिव गुंजत मन मोरा ।
तुम हो मरे प्रभु, तुम ही कृपालु,
करूँ समर्पण दीन दयालु ॥
तोरी जटा से बहती पवित्रता,
तीन्ही लोको के तुम हो दाता ।
डमरू बजाया, तमस भगाया,
जड़ चेतन को तुम्ही ने जगाया ॥
अलख निरंजन शिव मोरे स्वामी,
तुम ही हो मेरे अंतरयामी ।
भूल जो कोई हुई है मुझ से,
क्षमा मैं मांगू हर पल तुझ से ॥
लीला से तेरी डोले यह धरती,
करे जो भक्ति देता तू मुक्ति ।
तांडव नृत्य प्रलय करा के,
भव सागर तू पर करादे ॥
छवि तेरी है सब से सुन्दर,
शशि विराजे तेरी जटा में ।
हार मणि का शोभे गले में
चमके जैसे तारे गगन में ॥स्वरअनूप जलोटा
Hey Shivshankar Nataraja,
I am your slave of birth.
Surely I chant your name,
Shiva Shiv Shiv Shiv Gunjat Mana Mora.
You are the dead Lord, you are the merciful,
Surrender the humble
The purity flowing from the zucchini hair,
You are the giver of the three worlds.
Played the damru, drove away the tamas,
You have awakened the root consciousness.
Alakh Niranjan Shiv More Swamy,
You are my intercessor.
Whatever is wrong with me,
I ask for forgiveness from you every moment.
Your love from Leela, this earth,
Do whatever devotion gives you liberation.
By making the tandava dance catastrophe,
May the ocean be done on you.
Your image is the most beautiful of all,
Shashi viraje teri jata mein.
Necklace of necklace gems
Swaranoop Jalota shines like stars in the sky