मेरे बाबा बालक नाथ तुम्हे हम नित नित शीश झुकाते है
भक्त मस्त होकर गाते है
बाबा तुम को जो भी ध्याते है
मुह माँगा फल वो पाते है,
बाबा तेरी ज्योत जलाते है नत मस्तक होके गाते है
हम नित नित शीश झुकाते है
बाबा शिव जी के अवतारी है बाबा बालक नाथ चमत्कारी है
बाबा मेरे चिमटा धारी है हर्षित मन से आते है
नित मस्तक होके गाते है
My Baba Balak Nath, we always bow our heads to you
Devotees sing with gusto
baba whatever you care
They get the fruit they ask for,
Baba burns your flame, he does not sing with his head.
We always bow our heads
Baba is the incarnation of Shiva ji Baba Balak Nath is miraculous
Baba is my tongs, he comes from a joyful heart.
sings with no head