जिनको अपनी मम्मी से प्यार है,
उनके लिए ही श्याम दरबार है,
मुझको घर पे तुम बुलाते हो,
माँ को ब्रिद आश्रम में छोड़ कर आते हो,
मुझको तो फूल तुम चड़ते हो,
माँ को तुम कितना ही रुलाते हो,
इसे बेटे पे तो दीकार है,
जिनको अपनी मम्मी……………….
मुझको तो शपन भोग खिलते हो,
माँ को एक रोटी न खिलते हो,
मुझको तो भगा तुम पहनते हो,
माँ को एक साड़ी न पहनते हो,
घर पे तो ऐसा बेटा काल है,
जिनको अपनी मम्मी……….
मेरो दरबार तुम सजाते हो,
माँ को एक कमरा न दिलाते हो,
मेरे चरणों में शीश जुकते हो,
माँ के चरणों को तुम ठुकराते हो,
जिनको अपनी मम्मी ……………..
who loves his mother,
Shyam Darbar is for them only.
You call me at home,
You come after leaving your mother in the brid ashram.
You give me flowers,
How much do you make mother cry
It is on the son,
Whose mother…………
You are blessed with me,
Don’t feed your mother a single loaf of bread,
You wear me away
Don’t make mother wear a sari,
There is such a son at home,
Whose mother………
You decorate my court,
Don’t give mom a room
You bow your head at my feet,
You reject mother’s feet,
Whose mother ………………