मोहे होरी में कर गयो तंग ये रसिया माने ना मेरी,
माने ना मेरी माने ना मेरी,
मोहे होली में कर गयो तंग……
ग्वाल बालन संग घेर लई मोहे इकली जान के,
भर भर मारे रंग पिचकारी मेरे सन्मुख तान के,
या ने ऐसो, या ने ऐसो या ने ऐसो मचायो हुरदंग,
ये रसिया माने ना मेरी…..
जित जाऊँ मेरे पीछे डोले जान जान के अटके,
ना माने होरी में कहूं की ये तो गलिन गलिन में मटके,
ना ऐ होरी, ना ऐ होरी ना ऐ होरी खेलन को ढंग,
ये रसिया माने ना मेरी…….
रंग बिरंगे चित्र विचित्र बनाए दिए होरी में,
पिचकारी में रंग रीत गयो भर ले कमोरी ते,
पागल ने, पागल ने पागल ने छनाए दई भंग,
ये रसिया माने ना मेरी…….स्वरचित्र विचित्र
In Mohe Hori, I got fed up with this Rasia.
Believe me neither believe nor mine,
Mohe was tight in Holi……
Mohe ekli jaan ke surrounded with gwal balan,
The color pitcher was full in front of me,
Ya ne aiso, ya ne aiso ya ne aiso machayo hurdang,
Don’t believe me this rosia…..
If I win, Dole is stuck behind me for life.
Do not believe that I should say in the hoary that these pots are in the filthy gallin,
Na Ae Hori, Naa Ae Hori, Naa Ae Hori,
This rosia is not mine.
Colorful pictures were made strange in Hori,
The colors in the pichkari were filled with kamori te,
The madman, the madman, filtered his eyes,
Ye Rasiya Mane Na Meri…….Swarchitra Bichitra