ओम महाकाल के काल तुम हो प्रभो
गुण के आगार सत्यम शिवम सुंदरम।
कर में डमरू लसे चंदमा भल पर
हो निराकार सत्यम शिवम सुंदरम॥
हैं जटाबीच मंदाकिनी की छटा
मुंडमाला गलेबीच शोभित महां।
कंठ में माल विषधर लपेटे हुए
करके श्रृंगार सत्यम शिवम सुंदरम॥
बैठे कैलाश पर्वत पर आसन लगा
भस्म तन पर हो अपने लगाए हुए।
है निराली तुम्हारी ये अनुपम छटा
सबके आधार सत्यम शिवम सुंदरम॥
न्यारी महिमा तुम्हारी है त्रयलोक मे
भोले भंडारी तुम बोले जाते प्रभो।
अम्बिका और निर्मोही को आस है
कर दो उद्धार सत्यम शिवम सुंदरम॥
You are the time of Om Mahakal, Lord
Satyam Shivam Sundaram is the source of virtue.
Even if the moon is laden with damaru in tax
Yes, formless Satyam Shivam Sundaram.
Jatabich is the shade of Mandakini
Shobhit Maha in Mundmala Gale Beach.
venomous wrapped goods in the throat
By Shringar Satyam Shivam Sundaram
Sitting seated on Mount Kailash
Let the ashes be applied to your body.
This unique shade of yours is unique
Everyone’s base Satyam Shivam Sundaram
Your glory is in Trilok
You are called Bhole Bhandari, Lord.
Ambika and Nirmohi have hope
Do deliverance Satyam Shivam Sundaram.