जितनी ऊंची चढ़ाई उतनी ही गहरी खाई,
पर भगतो न गबरना है माँ की चिठ्ठी आई,
डरने की क्या दरकार, संग है मइयां का प्यार,
पौड़ी पौड़ी चढ़ता जा रे भक्ता,
देखे है दरबार अनेको माँ की बात निराली है,
लौटा न कोई भी बच्चा माँ के दर से खाली है,
लेके पूरा परिवार माँ आया तेरे दवार,
पौड़ी पौड़ी चढ़ता जा रे भक्ता..
हर्ष है हम भक्तो के दिल में माँ से मिलने जाये गे,
गले लगाए गई मइयां और दर्शन माँ के पाएंगे,
सब मिल बोले जयकार है पावन ये दरबार ,
पौड़ी पौड़ी चढ़ता जा रे भक्ता..
इतना लम्बा रास्ता मइयां पैदल क्यों न चला जाये,
छाले पड़ गए पाँव में पर मइयां तू न नजर आये,
ले कनियाँ का अवतार माँ ले चल अपने द्वार,
पौड़ी पौड़ी चढ़ता जा रे भक्ता…..
मैया के दरबार में देखो छोटा है ना कोई बड़ा,
हर कोई अपना शीश झुकाये मैया के चरणों में खड़ा,
माँ करती न इंकार चेतन पे लुटावे प्यार,
पौड़ी पौड़ी चढ़ता जा रे भक्ता..
The higher the climb, the deeper the ditch,
But don’t go, mother’s letter has come,
What is the need to be afraid, Mayan’s love is with him,
Keep climbing Pauri Pauri, you devotee,
You have seen that the talk of many mothers in the court is unique.
Return neither child is empty than mother’s rate,
But the whole family mother came to your door,
Pauri pauri climb up re bhakta..
It is a joy that we will go to meet the mother in the hearts of the devotees.
Embraced Mayan and Darshan will be found by the mother,
Everyone said, there is a cheer, this holy court,
Pauri pauri climb up re bhakta..
Why shouldn’t I walk such a long way?
You got blisters on your feet, but you can’t see it,
Take mother’s incarnation to your doorstep,
Pauri pauri climb up re bhakta…..
Look in the court of Maya, no one is small or big,
Everyone bowed their heads and stood at the feet of Maya,
Mother does not refuse to spend love on Chetan,
Pauri pauri climb up re bhakta..