अब कुछ बदल जाता है यहाँ पर लेख विधि का बदल ता नहीं,
प्रभु का मान भले तल जाये भगत का मान कभी टल ता नहीं,
मीरा हो गई तेरी दीवानी इक तारे पे भजन किया,
तेरे भक्त को चैन से मोहन राणा ने जीने ना दियां
फिर कोई न करता न भरोसा विष अमृत जो बनता नहीं,
प्रभु का मान भले तल जाये भगत का मान कभी टल ता नहीं,
भरी सभी में द्रुपत सुता का चीर दुरशासन हरने लगा,
पांडव कुल की पटरानी के आंख में आंसू झरने लगा,
फिर कोई न करता भरोसा चीर द्रोपती का जो बढ़ ता नहीं,
प्रभु का मान भले तल जाये भगत का मान कभी टल ता नहीं,
हे प्रभु तेरे भक्त को मेरा बारम बारम है परनाम,
वनवारी मैं किस लायक हु देना चरणों में अस्थान,
प्रभु से मिलना बड़ा सरल है भक्त प्रभु का मिलता नहीं,
प्रभु का मान भले तल जाये भगत का मान कभी टल ता नहीं,
Now something changes, here the article method does not change,
Even if the honor of the Lord is lost, the honor of the Bhagat is never lost,
Meera ho gayi teri deewani ek taare pe bhajan,
Mohan Rana did not let your devotee live in peace
Then no one believes or trusts the poison nectar which is not made,
Even if the honor of the Lord is lost, the honor of the Bhagat is never lost,
Drupat Suta’s raging Durshasana began to be defeated in everyone,
Tears started pouring in the eyes of the lady of the Pandava clan,
Then no one trusts Chir Draupati who does not grow,
Even if the honor of the Lord is lost, the value of Bhagat is never lost,
O Lord, your devotee has my eternal blessings,
Vanwari, what am I worth?
It is very easy to meet the Lord, the devotee does not meet the Lord,
Even if the honor of the Lord is lost, the value of Bhagat is never lost,