सपने में मेरी इन आँखों ने दरबार निराला देखा है,
बेठा सिंगासन पर मैंने वो शिर्डी वाला देखा है,
इक भीड़ लगी थी लोगो की चरणों में झुके थे सिर सबके,
आशीष सभी को देते हुये एक हाथ निराला देखा है,
सपने में मेरी इन आँखों ने दरबार निराला देखा है,
चल पड़े अपाहिज किरपा से गुंगो ने भजन सुनाये है,
अन्धयारी आँखों में मैंने फिर हुआ उजाला देखा है,
सपने में मेरी इन आँखों ने दरबार निराला देखा है,
कहते है इन्हें साईं जी ये बड़े दयालु भगवन है,
इक पल में सारे कष्टों को ये हरने वाला देखा है,
सपने में मेरी इन आँखों ने दरबार निराला देखा है,
ये देख नजारा साईं जी अजनबी तुम्हारा दास हुआ,
एह दुनिया वालो लो हमने सबका रखवाला देखा है,
सपने में मेरी इन आँखों ने दरबार निराला देखा है,
In my dream these eyes have seen the court strange,
I have seen that Shirdi wala on Betha Singasan,
There was a crowd, everyone’s heads were bowed at the feet of the people,
Giving blessings to everyone, I have seen a strange hand,
In my dream these eyes have seen the court strange,
Gungo has recited hymns from the handicapped Kirpa,
In the dark eyes I have seen the light again,
In my dream these eyes have seen the court strange,
It is said that Sai ji, this is a very merciful God.
In a moment, I have seen this loser of all the troubles,
In my dream these eyes have seen the court strange,
Seeing this sight Sai ji stranger became your slave,
Oh people of the world, we have seen the keeper of all,
In my dream these eyes have seen the court strange,