हार गया था पतझड़ सा था जीवन
तेरी कृपा से महका मन का ये उपवन,
बिगड़ी बन मेरी बिगड़ी बनी,
आके दर सर झुकाया, तबसे बिगड़ी बनी,
जब से थामा तूने हाथ, श्याम विपदा टली
तुझसा दयालु ना देव कोई दूजा
कलयुग में होती मेरे श्याम तेरी पूजा,
ज्योत जगी तेरी ज्योत जगी
फैला भक्ति का उजाला ऐसी ज्योत जगी,
परवाह नहीं चाहे भवर हो नैया
तू रहता हमेशा मेरे साथ कन्हैया
पार लगी देखो पार लगी
मजधर फसी नाईया, मेरी नईया पार लगी
life was lost By your grace, this garden of sweet mind,
My bad became bad, He bowed his head after coming, since then it has deteriorated, Ever since you held hands, the dark disaster averted
tujhsa kinda na dev koi duja In Kali Yuga, my shyam would have worshiped you,
Jyot Jagi Teri Jyot Jagi The light of devotion spread such a flame,
don’t care whether it is good or not you are always with me kanhaiya
See the crossing Majdhar trapped boat, my boat crossed