तेरा दरबार यूँ ही सजता रहे,
युही भगतो का मेला लगता रहे,
मैं राहु न राहु इस दुनिया में,
तेरा कीर्तन युही चलता रहे,
केसरियां टीका माथे पर और भी तेरे चमके,
तेज तेरे मुखड़े का बाबा और भी जयदा दमके,
ना ही तुझको किसी की नजर लगे तेरा शृंगार कान्हा और खिले,
मैं राहु न राहु इस दुनिया में…..
युही तेरे सिर पर लटके हर दम छतर हज़ार,
केसर अंतर से महके हर दम तेरा दरबार,
कान्हा जब तक ये चंदा तारे रहे तेरी सेवा में कान्हा सारे रहे,
मैं राहु न राहु इस दुनिया में…..
बड़ी है किस्मत मेरी कन्हैया तूने मुझे अपनाया,
पवन के सिर पर सदा रहे तेरी रेहमत का साया,
तेरी सेवा कन्हैया मिलती रहे युही भजनो की गंगा बहती रहे,
मैं राहु न राहु इस दुनिया में…..
May your court be decorated like this,
Yuhi Bhagto’s fair is held,
I am not Rahu or Rahu in this world,
May your kirtans continue,
The saffron tika on your forehead shines even more,
Tej Tere Mukhde ka Baba shines even more
Neither should anyone see you, your makeup Kanha and Khile,
I am not Rahu or Rahu in this world…..
You have a thousand umbrellas hanging on your head.
Every day your court smells with saffron,
As long as these donations remain stars, Kanha will remain in your service,
I am not Rahu or Rahu in this world…..
My luck is big, Kanhaiya, you adopted me,
May the shadow of your mercy always be on the head of the wind,
May you keep getting your service Kanhaiya, May the Ganges of hymns keep flowing,
I am not Rahu or Rahu in this world…..